यशस्वी गुप्ता की रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट मे सामान्य वर्ग को आरक्षण की मांग रुक सकती है। कल ही मोदी सरकार ने सामान्य वर्ग को गरीब लोगो को 10 फीसदी आरक्षण देने की बात सामने ऱखी थी पर इस बिल का सुप्रीम कोर्ट से रास्ता साफ होना काफी मुशिकल नजर आ ऱहा है। इस बिल को संसद मे गंजुरी मिल सकती है पर सुप्रीम कोर्ट से इस बिल को मंजुरी मिलना मुशकिल मजर आ रहा है। यह सुप्रीम कोर्ट के उपर जिम्मेदारी के कारण हो सकता है, इसको मुताबिक जिसके ऊपर यह जिम्मेदारी है कि कोई भी कानून य़ा ससोधन संविधान की मूल भावना के खिलाफ न हो।
मोदी सरकार का यह अरक्षण आर्थिक आधऱ पर ला रही है। जिसकी अभी संविधान मे व्यवस्था नहीं है। संविधान में जाति के आधार पर आरक्षण की बात कही गई है। सरकार को इसे लागू करने के लिए संविधान मे बदलाब करने होगें ! इसके लिए धारा 15 और 16 मे एक एक क्लॉज जोडा जाएगा और सामान्य जातिय़ो मे आर्थिक रुप से पिछडें लोगो के लिए आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा। मोदी सरकार के इस फैसले चुनावी पार्टियो की अलग- अलग प्रतिक्रियाएँ देखने को मिली है।
इस पर दिल्ली की सी.एम अरविंद केजरीवाल का कहना है की चुनाव से पहले भाजपा सरकार सांसद मे संविधान सशोधन करे। हम सरकार का साथ देंगे। नहीं तो साख हो जाएगा की मात्र भाजपा का चुनाव के पहले स्टंट है।
उमर अब्दुलाह साथ ने भी इस आरक्षण को जुमला कर पार दिय़ा है। जो की सिर्फ लोगो के बोटो को अपनी ओर खरीदने के लिया गया है।