भारत ने मंगलवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद को उचित ठहराने और उसका महिमामंडन करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। भारत ने है पाकिस्तान में छिपे दाऊद इब्राहिम का परोक्ष तौर पर हवाला देते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि, 1993 के मुंबई बम विस्फोटों के लिए जिम्मेदार अपराधिक गिरोह को ना केवल सरकार का संरक्षण ही नहीं मिल रहा, बल्कि वे आनंद उठा रहे हैं।
Addressed the UN Security Council chaired by Tunisia on global fight against terrorism.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 12, 2021
Proposed an 8-point Action Plan:
1. Summon the political will: Don’t justify terrorism. Don’t glorify terrorists. pic.twitter.com/NkGkIOV3t4
विदेशी मंत्री एस जयशंकर ने video conferencing से बैठक को संबोधित करते हुए कहा, सबसे पहले हमें आतंकवाद के खिलाफ मुकाबले के लिए दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखानी होगी। इस लड़ाई में किंतु परंतु नहीं होना चाहिए उन्होंने कहा आतंकवाद को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता, ना ही इस का गुणगान किया जा सकता है। सभी सदस्य राष्ट्रों को आतंकवाद से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं और समझौतों का पालन करना चाहिए
जयशंकर प्रस्ताव 1373 (2001) को अधिकृत किए जाने के बाद “20 साल में आतंकवाद से लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा” विषय पर UNSC की मंत्री स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस महीने 15 सदस्य सुरक्षा परिषद में भारत के अस्थाई सदस्य के तौर पर 2 साल के कार्यकाल की शुरुआत के बाद से मंत्री ने पहली बार संबोधित किया।
जयशंकर ने आगे कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमें राजनैतिक इच्छाशक्ति दिखानी होगी। इस लड़ाई के खिलाफ कोई किंतु परंतु नहीं होना चाहिए। ना ही हम आतंकवाद को उचित ठहराने देना चाहते हैं। और ना ही उसका महिमामंडन किया जाना चाहिए उन्होंने कहा कि लड़ाई में डबल स्टैंडर्ड नहीं होना चाहिए। आतंकी सिर्फ आतंकी है। वह अच्छे या बुरे नहीं है, जो इसका प्रचार करते हैं उनका अपना एजेंडा है। और जो इस पर पर्दा डालते हैं वह सिर्फ अपराधी है।