नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फेसबुक और वॉट्सऐप को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों की गोपनीयता बेहद अहम है और ये किसी भी कंपनी की प्राथमिकता होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों के प्रतिनिधियों से कहा कि आप दो-तीन खरब डॉलर की कंपनी हो सकते हैं, लेकिन लोगों में डर है कि उनके डेटा को कहीं और बेचा जा रहा है। लोगों की प्राइवेसी की सुरक्षा हमारा कर्तव्य है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें वॉट्सऐप और फेसबुक की नई प्राइवेसी पॉलिसी को निजता की सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया है। याचिका में आरोप है कि इस पॉलिसी से लोगों की निजता का हनन हो रहा है और डेटा लीक किया जा रहा है। याचिका में आरोप है कि वॉट्सऐप और फेसबुक यूरोप के लिए अलग मापदंड रखते हैं और भारत के लिए अलग नियम हैं, ऐसा करना बिल्कुल भी सही नहीं है।
इसी मामले को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने दोनो कंपनियों से जवाब तलब किया है। दरअसल 2014 में ही फेसबुक ने वॉट्सऐप का अधिग्रहण किया था। इसके बाद से ही यूजर्स ने अपने डेटा की गोपनीयता को लेकर कंपनी की पॉलिसी पर संदेह करना शुरू कर दिया था। यूजर्स को डर था कि उनके व्यक्तिगत डेटा को फेसबुक के साथ साझा किया जाएगा। उस समय वॉट्सऐप ने वादा किया कि अधिग्रहण के बाद गोपनीयता नीति में कुछ भी नहीं बदलेगा। हालांकि, अगस्त 2016 में, वॉट्सऐप अपने वादे से पीछे हट गया और एक नई गोपनीयता नीति पेश की थी। जिसे लेकर लगातार विरोध हो रहा है।