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55 साल vs 55 महीने

सेंट्रल डेस्क, दीपक खाम्बरा-  अपने कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा के अंतिम सत्र में राष्ट्रपति द्वारा दिए गए अभिभाषण में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए, अपनी सरकार की उपलब्धियां पेश कीं। ये प्रधानमंत्री मोदी का लोकसभा में दिया गया अंतिम भाषण था। इसके बाद साल 2019 लोकसभा चुनाव में जो सरकार चुनकर आएगी वो लोकसभा में भाषण देगी। उन्होंने अपने सबोंधन में भ्रष्टाचार से लेकर रक्षा सौदों की दलाली तक और सेवा भाव से लेकर पैसे लेकर विदेश भागने तक हर मुद्दे पर विस्तार से बात रखी।

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अपने संबोधन की शुरुआत में उन्होंने सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की एक कविता की कुछ पंक्तियां भी सुनाईं। जो इस प्रकार थीं: ‘जब कभी झूठ की बस्ती में, सच को तड़पते देखा है, तब मैंने अपने भीतर किसी, बच्चे को सिसकते देखा है। अपने घर की चारदिवारी में, अब लिहाफ में भी सिहरन होती है, जिस दिन से किसी को गुर्बत में, सड़कों पर ठिठुरते देखा है।’

इसके साथ ही अपने अंतिम भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार के खिलाफ जो आरोप लगे हैं, उन आरोपों की जांच होनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस को घेरते हुए अपने 55 महीने के कार्यकाल को सेवा भोग बताया और 55 साल के कांग्रेस राज को सत्ता भोग करार दिया। उन्होंने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि जिन लोगों ने देश को लूटा है वह लगातार उनसे डर रहे हैं।

पीएम मोदी ने अपने भाषण में विपक्ष के उनके खिलाफ बनाए गए गठबंधन को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 30 सालों में पहली बार किसी पार्टी को 2014 में पूर्ण बहुमत मिला है। भारत की जनता ने देखा है कि कैसे बहुमत वाली सरकार काम करती है। उन्होंने हमारा काम देखा है। अब जनता एक महामिलावट सरकार नहीं चाहती जो कोलकाता में इकट्ठा हुई थी। यदि अटल बिहारी वाजपेयी के पास उस समय बहुमत वाली सरकार होती तो देश आज काफी आगे होता।

उल्टा चोर चौकीदार को डांटे

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के उन आरोपों पर जवाब दिया जिसमें विपक्ष द्वारा भाजपा पर संस्थानों को नष्ट करने और उनका दुरुपयोग करने का आरोप लगता रहता है। उन्होंने कहा,’ उल्टा चोर चौकीदार को डांटे। कांग्रेस ने आपातकाल लगाया, लेकिन मोदी संस्थानों को नष्ट कर रहा है। कांग्रेस ने सेना की बेइज्जती की और सेनाध्यक्ष को गुंडा कहा, लेकिन मोदी संस्थानों को नष्ट कर रहा है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग और ईवीएम पर सवाल उठाए, लेकिन मोदी संस्थानों को नष्ट कर रहा है। कांग्रेस ने न्याय व्यवस्था का मजाक उड़ाया, लेकिन मोदी संस्थानों को नष्ट कर रहा है। कांग्रेस ने योजना आयोग को जोकरों का समूह कहा, लेकिन मोदी संस्थानों को नष्ट कर रहा है। कांग्रेस ने कई बार अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग किया, लेकिन मोदी संस्थानों को नष्ट कर रहा है।’

अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस में मेरे दोस्त चीजों को दो समयावधि में देखते हैं। बीसी- कांग्रेस से पहले और एडी- राजवंश के बाद। क्या आप जानते हैं मेरा अपराध क्या है? ये कि एक शख्स जो गरीब परिवार में जन्मा, वह उनकी सल्तनत को चुनौती दे रहा है।’ साथ ही मोदी ने राफेल मुद्दे पर कहा, ‘कांग्रेस राफेल सौदे को नहीं होने देना चाहती क्योंकि वह नहीं चाहती कि देश की वायुसेना मजबूत बने। मैं गंभीर आरोप लगा रहा हूं। कांग्रेस नहीं चाहती कि हमारे सशस्त्र बल मजबूत बनें। क्या रक्षा सौदों में दलाली खाना जरूरी है।’

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विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने भाषण के दौरान एक शेर पढ़ा, ‘मैंने सूरज इसी आसमान में ढलते देखा है, किस बात पर तू इतरा रहा है। जगमगाते आसमान में तारों को टूटते देखा है।’ इसके जवाब में पीएम मोदी ने एक कविता के अंश को पढ़ा। उन्होंने कहा, ‘सूरज जाएगा भी तो कहां, उसे यहीं रहना होगा। यहीं हमारी सांसों में, हमारी रगों में, हमारे संकल्पों में, हमारे रतजगों में। तुम उदास मत हो, अब मैं किसी भी सूरज को नहीं डूबने दूंगा।’

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