उत्तर प्रदेश के मेरठ में किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नए कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार पर रविवार को सीधा हमला किया।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र के ये तीन कानून किसानों के डेथ वारंट हैं, ये तीनों कानून लागू होने के बाद किसानों की बची कुची खेती केंद्र सरकार अपने तीन-चार बड़े पूंजीपति साथियों के हाथों में सौंपना चाहती है। सबकी खेती चली जाएगी।
मेरठ की किसान महापंचायत में AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में आगे कहा कि आज अपने देश का किसान बहुत पीड़ा में है, 95 दिनों से कड़कती ठंड में किसान भाई दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हैं।
250 से ज़्यादा किसान शहीद हो चुके हैं लेकिन सरकार पर जूं नहीं रेंग रही। पिछले 70 साल में इस देश के किसान ने केवल धोखा देखा है।
लालकिले पर झंडे फहराने वाले BJP के कार्यकर्ता
लाल किले पर 26 जनवरी 2021 को हुई हिंसा को लेकर केजरीवाल ने कहा कि लाल किले का पूरा कांड इन्होंने खुद कराया। मैं दिल्ली का मुख्यमंत्री हूं, उत्तर प्रदेश, पंजाब के लोगों और किसानों ने मुझे बताया कि ये जानबूझकर उधर भेज रहे थे। जिन्होंने झंडे फहराए वो इनके अपने कार्यकर्ता थे।
आपको बता दें कि, किसान महापंचायत का आयोजन मेरठ बाइपास पर संस्कृति रिजॉर्ट में किया गया। केजरीवाल का किसानों की महापंचायत में शामिल होना यूपी के 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी माना जा रहा है।
आम आदमी पार्टी पहली बार यूपी के विधानसभा चुनाव में भी उतरने जा रही है। किसानों की महापंचायत में शामिल होने के लिए सीएम केजरीवाल ने खुद किसानों के साथ मीटिंग की इस दौरान कृषि कानूनों को लेकर चर्चा की गई। सीएम केजरीवाल की ये बैठक 21 फरवरी को हुई थी। किसान आंदोलन के समर्थन में किसान नेता राकेश टिकैत देशभर में महापंचायत का आयोजन कर रहे हैं।
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