कांग्रेस में लंबे वक्त से चल रही उठापटक और अंदरुनी कलह के बीच एक अहम खबर सामने आ रही है। लगातार चल रहे एकता के संकट के बीच पार्टी के नए अध्यक्ष को चुनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की अहम बैठक में कई बेहद गंभीर मुद्दों पर लंबी चर्चा हुई। अंतरिंम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य और पदाधिकारी इस बैठक में मौजूद रहे। बैठक में मौजूद सभी नेताओं ने अपनी अपनी राय और मांग पार्टी आलातमान के सामने रखी। खबर आ रही है कि इस बैठक के दौरान एक बार फिर राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपे जाने की मांग रखी गई है।
कांग्रेस पार्टी के नेताओं की 10 जनपथ पर हुई अहम बैठक में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, बीएस हुड्डा, अंबिका सोनी और पी चिदंबरम मौजूद रहे। करीब 5 घंटे तक चली बैठक में राहुल गांधी को एक बार फिर अध्यक्ष पद संभालने की मांग उठी। आखिरकार राहुल गांधी ने पार्टी के नेताओं को भरोसा दिया कि पार्टी जो ज़िम्मेदारी देगी उसे पूरी निष्ठा के साथ संभालूंगा।
वहीं बैठक के बाद कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि हमने पार्टी के भविष्य को लेकर चर्चा की। ये एक रचनात्मक बैठक थी जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी की वर्तमान स्थिति और इसे मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।
दरअसल इस बैठक में पार्टी के अंसतुष्ट नेताओं से भी संवाद की तैयारी है। 23 अगस्त को कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में 23 नेताओं ने हस्ताक्षर किए थे। माना जा रहा है कि इस विषय पर भी अपनी चिंताओं को लेकर पांच या छह नेताओं का एक कोर समूह सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकता है।
लोकसभा चुनाव में हार के बाद से कांग्रेस की हार का सिलसिला बदस्तूर चल रहा है। कांग्रेस को कर्नाटक और मध्य प्रदेश में विद्रोह के बाद से सरकार से हाथ धोना पड़ा था। साथ ही लगातार खतरों के चलते राजस्थान में पार्टी संघर्ष कर रही है। बिहार चुनाव में कांग्रेस का खराब प्रदर्शन सबके सामने है। ऐसे में अब कांग्रेस हर सूरत में पार्टी को नए सिरे से संगठित करने के साथ मजबूती लाने के लिए गंभीरता से कदम उठाने की कोशिश कर रही है।