आयुर्वेद दुनिया की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धतियों में से एक है. आयुर्वेद में ना सिर्फ गंभीर से गंभीर रोगों का इलाज संभव है बल्कि स्वस्थ जीवन जीने का राज भी छिपा है. हालांकि कम लोग ही इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति को लेकर जागरूक हैं लेकिन अब धीरे-धीरे ही सही लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों से भारत की पुरातन चिकित्सा पद्धति में लोगों ने रूचि लेना शुरू कर दिया है. आयुर्वेद चिकित्सकों में जाना-माना नाम डाक्टर चंचल शर्मा बांझपन के इलाज के लिए ना सिर्फ प्रतिबद्ध हैं बल्कि इनफर्टिलिट ट्रीटमेंट के क्षेत्र में उन्होंने अहम योगदान भी दिया है.
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को प्राचीनतम चिकित्सा इसलिए कहा जाता है क्योंकि बाकी चिकित्सा पद्धतियों का जन्म आयुर्वेद के बाद में हुआ है। इस लिए इस चिकित्सा को सभी चिकित्साओं की मां कहा जाता है। डॉक्टर चंचल शर्मा ने निःसंतान महिलाओं को मातृत्व सुख हासिल करने में मदद के लिए एक अभियान की शुरुआत की है. डॉक्टर चंचल के इस अभियान का नाम है “निःसंतानता भारत छोड़ो”।
डॉक्टर चंचल शर्मा एक क्वालीफाइड डॉक्टर हैं और उनके पास मेडिसिन एंड सर्जरी (BAMS), DGO,MD-AM की डिग्री है. इसके अलावा गुरु शिष्य परंपरा के आधार पर उन्होंने D-Certified in Panchakarma (पचंकर्म) की भी डिग्री हासिल की है. डॉक्टर चंचल का मुख्य उद्देश्य चरक संहिता, सुश्रुत संहिता और अष्टांग ह्रदय जैसे महान ग्रंथों के आधार पर संपूर्ण समाज को निरोगी करने का संकल्प लिया है.
डॉक्टर चंचल शर्मा ने गहन अध्ययन से पंचमहाभूतों के सिद्धांत को जाना और परखा है, इसी सिद्धांत का पालन करते हुए शरीर के विकार और दोषों का संतुलन करने की पूरी कोशिश की है. आशा आयुर्वेदा केन्द्र में डॉक्टर चंचल शर्मा नियमित रुप से महिला निःसंतानता के इलाज को लेकर संपूर्ण आयुर्वेदिक सेवाएं दे रही हैं. डॉक्टर चंचल शर्मा करीब एक दशक से भी लंबे वक्त से आशा आयुर्वेदा में मरीजों की सेवा करती आ रही हैं।
महिलाओं में होनी वाली इनफर्टिलिटी की समस्या को ध्यान में ऱखते हुए डाक्टर चंचल शर्मा ने कुछ ऐसी निःसंतानता से संबंधित बीमारियों का निदान आयुर्वेद से कर दिखाया है जो एलौपैथी में संभव नहीं हो सका है।
आशा आयुर्वेदा में महिलाओं की समस्याओं से जुड़ी कुछ ऐसी बीमारियां भी हैं जिनके इलाज में डॉक्टर चंचल शर्मा ने सौ फीसदी सकारात्मक परिणाम हासिल किया है। ये डॉक्टर चंचल शर्मा के कौशल और दक्षता को साफ दिखाता है।
1. फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज
2. हाइड्रोसालपिनक्स
3. पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम
4. गर्भाशय फाइब्रॉएड
5. एंडोमेट्रियम
उपरोक्त बीमारियों के इलाज के लिए ना सिर्फ आयुर्वेद पद्धति में डॉक्टर चंचल शर्मा ने महारत हासिल की है बल्कि बांझपन से जुड़े दूसरे स्वास्थ्य विकारों को लेकर भी प्रामाणिक आयुर्वेदिक इलाज की व्यवस्था है।