बिहार विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण के लिए प्रचार अभियान ने सिर्फ जोरों पर है बल्कि वार पलटवार की सियासत भी खासी तीखी हो चुकी है। वहीं तीसरे चरण में घुसपैठियों का मुद्दा खासा गरमा चुका है। सबसे अहम बात ये कि इस मुद्दे को लेकर एनडीए के अंदर ही खींचतान की शुरुआत हो चुकी है।
सीमांचल की 19 और कोसी के 18 मुस्लिम बहुल इलाकों में हो रहे तीसरे चरण के चुनाव के दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे को मुखरता के साथ उठाया है। सीएम योगी ने दावा किया है कि एनडीए की सरकार बनेगी तो घुसपैठियों को भगाया जाएगा। वहीं, एनडीए का नेतृत्व कर रहे बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इसके उलट बयान देते हुए साफ किया कि ये सभी देश के नागरिक हैं और इन्हें हिन्दुस्तान से बाहर करने का किसी में दम नहीं है। जैसे ही नीतीश कुमार का बयान आया इसे लेकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी इसका जवाब दिया है।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि किसी भी भारतीय नागरिक के भारत छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है, लेकिन पूरी दुनिया में सभी देश अपने देश में रहने वाले अपने नागरिकों और विदेशियों की पहचान कर रहे हैं। इसलिए, भारत ने भी ये प्रक्रिया शुरू कर दी है।
दरअसल तीसरे चरण के प्रचार के लिए एक जनसभा को संबोधित करते हुए बिहार सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि हिन्दुस्तान से किसी को बाहर करने का किसी में दम नहीं है। इसके बाद योगी आदित्यनाथ की रैली के बाद जब नीतीश कुमार कटिहार पहुंचे तो उन्होंने यहां भी कहा कि कुछ लोग दुष्प्रचार और फालतू बात कर रहे हैं कि देश से निकाल दिया जाएगा। किसी में इतना दम नहीं है कि किसी दो देश से बाहर निकाल दे।
दरअसल सीमांचल वोटिंग से पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने सीएए और एनआरसी पर तीखा प्रचार किया है और इस मुद्दे को अपना हथियार बनाने की कोशिश की है। हालांकि एनडीए के बीच दोराय से वोटर्स के ममन पर क्या असर पड़ेगा इसका पता तो 10 नवंबर को ही चल पाएगा। लेकिन इन बयानों से गठबंधन सहयोगी बीजेपी और जेडीयू की राय सीएए-एनआरसी के मुद्दे को लेकर एक नहीं लग रही है।