सेंट्रल डेस्क आयुषी गर्ग:- निर्भया मामले के गुनहगार अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है. यह सुनवाई लगभग सवा एक घंटे तक चली. इस मामले में कोर्ट अपना फैसला दोपहर एक बजे सुनाएगा. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, कुछ अपराध ऐसे होते हैं जिनमें ‘मानवता रोती’ है, यह मामला उनमें से एक है.
मेहता ने कहा कि दोषी किसी भी तरह की उदारता का हकदार नहीं है और भगवान भी ऐसे ‘दरिंदे’ को बनाकर शर्मसार हो रहे होंगे.
बुधवार सुबह अक्षय के वकील डॉक्टर ए.पी सिंह ने सुनवाई शुरू होने पर कोर्ट से कहा कि उनके पास इस मामले में नए तथ्य हैं. उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल (अक्षय कुमार सिंह) को मीडिया, पब्लिक और राजनीतिक दबाव में दोषी करार दिया गया है. बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि फर्जी रिपोर्ट तैयार किए गए, अक्षय कुमार सिंह का नाम इसमें गलत तरीके से शामिल किया गया. उसे गलत फंसाया गया है.
उन्होंने बहस में कहा कि अक्षय गरीब और बेकसूर है इसलिए उसे दोषी ठहरा दिया गया. उन्होंने कहा कि मृत्युदंड सजा देने की प्राचीण परंपरा है. फांसी से जुर्म खत्म होता है, अपराधी नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि फांसी की सजा सुनाने से लगता नहीं कि अपराधी गुनाह करना छोड़ेंगे.
बता दें कि मंगलवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने दोषी अक्षय के पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था, जिसके बाद अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की नई बेंच कर रही है. सुनवाई से मुख्य न्यायाधीश के अलग होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार शाम जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ गठित की.
‘दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज होगी’
इससे पहले बुधवार को ‘निर्भया’ के पिता ने कहा कि इस बारे में देश जो सोचता है वैसी ही सोच मैं भी रखता हूं. सुप्रीम कोर्ट में दोषी की पुनर्विचार याचिका पक्के तौर पर खारिज होगी. उन्होंने कहा कि सरकार जिस दिन से ठान लेगी, इस देश में रेप की एक भी घटना नहीं होगी.
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