कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस की.जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला.किसानों का समर्थन करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने नए बनाए गए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया तो किसानों का यह आंदोलन शहर से गांवों तक जाएगा.
राहुल ने प्रेस कांफ्रेंस में आगे कहा कि, सभी जानते हैं कि किसान आंदोलन की आड़ में क्या हो रहा है. पहला कानून मंडी व्यवस्था खत्म करता है. दूसरा कानून खाद्यान्न के असीमित भंडारण की अनुमति देता है और तीसरा कानून कहता है कि अगर किसानों को कोई समस्या है तो वह अदालत तक नहीं जा सकते. तो यह साफ है कि किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं.
राहुल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वो किसानों को अनदेखा कर रही है और जानबूझकर उनकी परेशानी दूर नहीं कर रही. उन्होंने कहा कि सरकार परेशानी खत्म करने की जगह उन्हें धमका रही है और पीट रही है. राहुल ने ये भी कहा कि गणतंत्र दिवस पर जो भी बवाल हुआ उसे रोक जा सकता था. उन्होंने सरकार से सवाल किया कि, आखिर किसानों को लाल किले में किसने जाने दिया. क्या गृह मंत्रालय का काम ये नहीं है कि उन्हें लाल किले पर जाने नहीं देना चाहिए था, रोकना चाहिए था. इसके लिए कौन जिम्मेदार है? उन्होंने कहा कि सिंघु बॉर्डर पर केंद्र सरकार किसानों पर आक्रमण कर रही है, जो गलत है.
वहीं उन्होंने कोरोना का ज़िक्र करते हुए कहा कि, आपने कोविड के दौरान देखा कि क्या हुआ. गरीब और गरीब हुए, पांच-छह अमीर और अमीर होते गए. और हमारे देश के प्रधानमंत्री भी इन्हीं पांच लोगों के लिए काम करते हैं, वो उनके लिए ही देश में नोटबंदी की, जीएसटी लाए और अब किसानों की आजीविका छीन रहे हैं.
इस दौरान राहुल गांधी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार जल्द से जल्द किसानों की परेशानी दूर नहीं करती तो किसान अपने आंदोलन को शहरों में ले जाएंगे किसान.
राहुल गांधी ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान में लोगों को कानूनों के पीछे की बात समझ में आ गई है. प्रधानमंत्री को ये नहीं समझना चाहिए कि ये आंदोलन यहां रुक जाएगा. ये आंदोलन शहरों किसानों से शहरों के अंदर जाएगा.