बिहार चुनाव के ऐलान के साथ ही राजनीति का मिजाज तल्ख हो चुका है। सियासी दल ना सिर्फ एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं बल्कि अब आंकड़ों की राजनीति भी जोर पकड़ने लगी है। रोजगार बिहार में एक बड़ा सियासी मुद्दा है। ऐसे में राष्ट्रीय जनता दल के सीएम फेस और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर ना सिर्फ रोजगार के मुद्दे पर निशाना साधा बल्कि एक चुनावी वादा भी कर दिया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में हमारी सरकार बनी तो सरकारी नौकरी के अलावा उद्योग-धंधों, निवेश, पर्यटन सुधार आदि से भी बड़े पैमाने पर हमारी सरकार रोजगार सृजन करेगी। तेजस्वी ने कहा कि पहली कैबिनेट में पहली कलम से बिहार के 10 लाख युवाओं को नौकरी देंगे। बिहार में 4 लाख 50 हज़ार रिक्तियाँ पहले से ही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, गृह विभाग सहित अन्य विभागों में राष्ट्रीय औसत के मानकों के हिसाब से बिहार में अभी 5 लाख 50 हज़ार नियुक्तियों की अत्यंत आवश्यकता है।
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि बिहार में पुलिस विभाग के 50 हजार से ज्यादा पद खाली पड़े हैं। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में एक लाख की आबादी पर सिर्फ 77 पुलिसकर्मी हैं जबकि राष्ट्रीय औसत प्रति एक लाख की आबादी पर 144 पुलिसकर्मियों का है। बिहार में 1.26 लाख पुलिसकर्मी हैं जबकि 1.72 लाख पुलिसकर्मियों की आवश्यकता है।
तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर निशाना साधना शुरू किया तो वो इतने पर ही नहीं रुके। तेजस्वी ने कहा कि क्राइम कंट्रोल का का दावा करने वाली सरकार पुलिसकर्मियों की नियुक्ति में आनाकानी करती रही है। आखिर क्या वजह है कि आज तक बहाली शुरू नहीं हो पाई। तेजस्वी ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में तीन लाख शिक्षकों की ज़रूरत है। प्राइमरी और सेकेंड्री लेवल पर ढाई लाख से ज्यादा स्थायी शिक्षकों के पद बिहार में खाली पड़े हैं। कॉलेज और यूनिवर्सिटी लेवल पर भी लगभग 50 हज़ार प्रोफ़ेसर की जरूरत है ताकि उच्च शिक्षा में सुधार लाया जा सके।
वहीं तेजस्वी ने इस बीच प्रदेश में तकनीकी विभाग में भी खाली पड़े पदों को लेकर सरकार पर तंज कसा। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में जूनियर इंजीनियर के भी 66 फीसदी पद खाली पड़े हैं। प्रदेश के तमाम विभागों में करीब 75 हजार अभियंताओं की जरूरत है। तेजस्वी ने कहा कि इसके अलावा क्लर्क, सहायकों, चपरासी और तमाम दूसरे वर्गों के लगभग दो लाख खाली पड़े पदों पर नियुक्ति इस वक्त बिहार के विकास के लिए बेहद जरूरी है।