उत्तर प्रदेश में आज 58 हजार ग्राम पंचायतों में चुने हुए जन प्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म हो गया। ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसंबर तक ही था। जिसके बाद आज से प्रशासक के रूप में एडीओ ग्राम पंचायतों का कामकाज देखेंगे। अब प्रधानों से डोंगल वापस लेकर ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट अनरजिस्टर्ड कर दिए गए हैं। हालांकि इन नियमों के इतर गौतमबुद्ध नगर की 88 और गोंडा की 10 ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधान अभी भी बनें रहेंगे।
राज्य में पंचायत चुनाव कब होंगे ये अभी ये तय नहीं हो पाया है। माना जा रहा है कि मार्च में पंचायत के चुनाव हो सकते हैं। निर्वाचन आयोग ने 22 जनवरी तक मतदाता सूची तैयार करने के निर्देश दिए है। दरअसल यूपी में 31 मार्च तक पंचायत चुनाव कराने की तैयारी है। इस बार यूपी में पंचायत के चारों पदों के लिए एक साथ चुनाव कराए जाएंगे। जिसमें क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य शामिल होंगे। यूपी में कुल 58758 ग्राम पंचायतें, 821 क्षेत्र पंचायत और 75 जिला पंचायत हैं। चुनाव आयोग ने इसको लेकर 22 जनवरी तक मतदाताओं की सूची हर हाल में तैयार कर लेने का अल्टीमेटम भी जिलों के अफसरों को दिया है।
2015 के यूपी पंचायत चुनाव में चुनाव में एक लाख 80 हजार वोटिंग सेंटर तैयार किए गए थे। हर वोटिंग सेंटर पर लगभग एक हजार मतदाता की संख्या रखी गई थी। इस बार इस संख्या को घटाकर 800 करने का फैसला किया गया है। ऐसे में अब मतदान केन्द्रों की संख्या करीब दो लाख हो जाएगी।