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योगी सरकार का किया वादा हो रहा साकार

आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर लोगों के बीच में सरगर्मियां तेज हो गयी है ऐसे में आप को बता दें की सभी पार्टियां अपने अपने पाव जमाने को तैयार हैं। ऐसे में आप को बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जाकर सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद सालों से पड़ी यह परियोजना शुरू हो जाएगी जिससे उत्तर प्रदेश को कई तरह से राहत मिलेगी।

योगी सरकार का किया वादा हो रहा साकार

कहा जा रहा है कि बलहा विधानसभा क्षेत्र स्थित गोपिया बैराज कायोगी आदित्यनाथ ने निरीक्षण किया। निरक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि परियोजना के समस्त कार्यक्रम पूर्व निर्धारित थे लेकिन CDS जनरल विपिन रावत के निधन पर इन्हें टाल दिया गया। उन्होंने संबोधन करते समय CDS को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि इसके बाद पूरे बैराज का पैदल भ्रमण कर बारीकियां भी परखीं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने सरयू नहर परियोजना का महज 52 फीसदी कार्य 40 वर्षों में कराया था।

48 फीसदी कार्य इस सरकार ने चार वर्षों में करा दियायूपी सरकार के अनुसार यह परियोजना 1978 में शुरू हुई थी लेकिन तब से ही बजट की कमी, विभागों के आंतरिक संयोजन में कमी, उचित निगरानी न होने के चलते टलता चला आ रहा था और चार दशकों तक पूरा नहीं हो सका।

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नरेंद्र मोदी ने 2016 में दशकों से लटकी इस परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंदर डाल दिया जिससे सुनिश्चित हो सके कि यह परियोजना एक निश्चित अवधि में पूरी हो।सरयू नहर परियोजना की लागत 9800 करोड़ रुपये है जिसमें से 4600 करोड़ रुपये से ज्यादा बीते चार साल में खर्च हुए हैं। यह परियोजना पांच नदियों को जोड़ने का भी काम करती है।

यह नदियां घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा और रोहिणी हैं, जिससे इस पूरे क्षेत्र में जल का सही उपयोग हो सके।बीते चार सालों में इस परियोजना को पूरा करने के लिए भूमि अधिग्रहण के नए तरीके निकाले गए। इस प्रोजेक्ट की राह में अन्य जो रोड़े थे उन्हें भी दूर करने के लिए कई अलग-अलग प्रयास किए गए। इसी प्रयास के चलते यह परियोजना बीते चार से में पूरी हो चुकी है।

इस परियोजना से 14 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई सुनिश्चित होगी और 6200 गांवों के 29 लाख किसानों को भी लाभ मिलेगा।कहा जा रहा है कि इस परियोजना के अन्तर्गत यूपी के नौ जिलों- बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर और महराजगंज को लाभ मिलेगा।बताया जा रहा है कि इस परियोजना के लटकने के चलते इन क्षेत्रों के जो किसान थे उनके लिए यह बहुत ही लाभकारी होगा। उन्हें सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा जिससे वह बड़ी मात्रा में फसलें बो सकेंगे और अपनी जमीनों का फायदा उठा सकेंगे।

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