सेंट्रल डेस्क प्राची जैन: दिल्ली-एनसीआर की हवाओं के लिए अगले दो दिन संकट से भरे हैं। उत्तरी पाकिस्तान व जम्मू कश्मीर की चक्रवाती हलचल का सीधा असर दिल्ली के मौसम पर पड़ने के आसार है।
इस सीजन में दूसरी बार हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच सकती है। मौसम विभाग को पूर्वानुमान है कि मौसमी दशाओं के अनुकूल होने पर 14 नवंबर से हवाओं पर संकट छंट सकता है।
मौसम विभाग के मुताबिक, जम्मू कश्मीर व निकटवर्ती उत्तरी पाकिस्तान की चक्रवाती हवाओं से दिल्ली-एनसीआर के आसमान पर दो दिनों तक हलके बादल छाए रहेंगे। लेकिन इस बीच बारिश होने की संभावना नहीं है।
वहीं, तापमान में भी गिरावट आने का अंदेशा है। इससे मिक्सिंग हाइट ((वह ऊंचाई, जहां तक धरती से उठने वाली हवाएं पहुंचती हैं) नीचे आएगी। जबकि धरती पर चलने वाली हवाओं की चाल धीमी रहेगी।
उधर, सफर का पूर्वानुमान है कि मिक्सिंग हाइट नीचे व हवा की चाल धीमी होने का असर प्रदूषण स्तर में बढ़ोतरी के तौर पर रहेगा। इस सीजन में दिल्ली-एनसीआर का प्रदूषण स्तर एक बार फिर खतरनाक स्तर तक पहुंच सकता है। इसमें सुधार 14 नवंबर को होने का अनुमान है।
पराली के धुएं का भी बढ़ेगा हिस्सा
सफर का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिन में दिल्ली में सतही हवाओं की चाल धीमी होगी। मंगलवार को पराली के धुएं का हिस्सा 25 फीसदी तक पहुंच सकता है। इसका नकारात्मक असर भी दिल्ली के प्रदूषण पर पड़ेगा।
पराली जलाने के मामले बढ़े, गुणवत्ता सूचकांक 360 पहुंचा
सफर के मुताबिक, बीते 24 घंटों में पंजाब व हरियाणा में पराली जलाने के 1,846 मामले दर्ज किए गए हैं। दिल्ली पहुंच रहीं हवाएं हरियाणा की तरफ से आ रही हैं। इससे दिल्ली के प्रदूषण में पराली का हिस्सा रविवार के 12 फीसदी की तुलना में सोमवार को 18 फीसदी हो गया है। सतह पर धीमी चाल से चलने वाली हवाओं से प्रदूषण दिल्ली के ऊपर आ टिका। वायु गुणवत्ता सूचकांक रविवार के 321 से सोमवार को 360 हो गया।
प्रदूषण गंभीर बनाने वाले कारक
बारिश का नहीं होना। सतह की हवाओं की 8 किमी प्रति घंटे धीमी चाल व उत्तरी पश्चिमी दिशा। मंगलवार व बुधवार को हवा की चाल 6-8 किमी प्रति घंटा रहने का पूर्वानुमान। हवा की नमी। पराली का धुआं।
ईपीसीए ने 14 नवंबर तक बढ़ाई पाबंदी
दिल्ली की हवा पर आने वाले संकट से बचाने के लिए ईपीसीए ने दिल्ली-एनसीआर में हॉट मिक्स प्लांट, स्टोन क्रशर समेत औद्योगिक इकाइयों पर लगाई गई पाबंदियां 14 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी है।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही अगले आदेश तक के लिए निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा रखी है। ईपीसीए के मुताबिक, सीपीसीबी टास्क फोर्स का आकलन है कि 12 व 13 नवंबर को दिल्ली का प्रदूषण गंभीर स्तर तक पहुंच सकता है। इस आशंका को देखते हुए 14 नवंबर का पाबंदी बढ़ा दी गई है।
कोयले, डीजल आदि ईंधन से चलने वाली फैक्ट्रियां दिल्ली समेत फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बुलंदशहर, भिवानी, सोनीपत व पानीपत में 14 नवंबर तक बंद रहेंगी। इससे पहले इन पर पाबंदी 11 नवंबर तक लगाई गई थी। ईपीसीए की 14 नवंबर की बैठक में इसे बढ़ाने का फैसला किया गया है।
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