सेंट्रल डेस्क प्राची जैन: जब भी गौतम गंभीर के चमकदार क्रिकेट करियर की बात की जाएगी तब-तब उनकी मिट्टी से सनी वह जर्सी जेहन में तैरने लगेगी जो विश्व कप फाइनल में उनके संघर्ष और जुझारुपन को बखूबी बयां करती है।
भले ही मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में छक्का मारकर कप्तान धोनी ने टीम इंडिया को जीत दिलाई हो, लेकिन विश्व कप फाइनल में जीत के असल सूत्रधार तो गौतम गंभीर ही थे। अब आठ साल बाद गौतम ने बताया कि आखिर कैसे वह श्रीलंका के खिलाफ फाइनल में शतक बनाने से कैसे चूक गए।
अब इस जीत के आठ साल बाद गौतम गंभीर ने आरोप लगाया कि धोनी की वजह से वे वर्ल्ड कप फाइनल में शतक पूरा नहीं कर पाए थे। उन्होंने कहा, ‘मुझसे कई बार पूछा गया कि जब मैं 97 रन पर खेल रहा था तब क्या हुआ था। मैं सभी को बताना चाहता हूं कि मेरे दिमाग में शतक का कोई विचार नहीं था और मैं सिर्फ श्रीलंका द्वारा दिए गए टारगेट को देख रहा था।
मुझे याद है कि जब ओवर पूरा हुआ तो मेरे साथी बल्लेबाज धोनी ने मुझसे कहा, सिर्फ तीन रन बचे हैं और तुम ये तीन रन पूरे कर लो तो तुम्हारा शतक भी बन जाएगा। धोनी द्वारा शतक की याद दिलाने के बाद मेरे अंदर भी शतक पूरा करने की भावना जाग गई और उसी हड़बड़ाहट में गलत शॉट खेलकर मैं आउट हो गया।
गंभीर ने कहा कि जब तक में 97 रन पर था मैं वर्तमान में था, लेकिन जैसे ही मैंने सोचा कि मैं सौ रन पूरे करने से तीन रन दूर हूं तब मैं उसे पाने की इच्छा में कहीं और चला गया और अपना विकेट गंवा बैठा। इसलिए जरूरी है कि आप वर्तमान में ही रहो। जब मैं आउट होने के बाद ड्रेसिंग रूम में गया मैंने खुद से कहा कि ये तीन रन मुझे पूरे जीवन परेशान करेंगे और ये सच है। आज भी मुझसे लोग पूछते हैं कि आप अपने तीन रन क्यों नहीं पूरे कर पाए।
गंभीर के आउट होने के बाद धोनी ने युवराज सिंह के साथ पांचवें विकेट के लिए 54 रनों की अविजित साझेदारी कर भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाया। उनके द्वारा लगाया गया विजयी छक्का फैंस कभी भूल नहीं पाएंगे। 91 रनों की नाबाद मैच विजयी पारी के लिए धोनी को मैन ऑफ द मैच चुना गया।
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