बिहार चुनाव का ऐलान हो चुका है। तमाम सियासी दल न सिर्फ अपनी रणनीति तैयार तैयार करने में जुटे हैं बल्कि वोट के सियासी गणित के फार्मूले भी तैयार किए जा रहे हैं। वहीं चुनाव से ऐन पहले BJP ने पार्टी संगठन में कई बड़े और अहम बदलाव किए हैं। बिहार चुनाव के अलावा कई राज्यों में उपचुनाव भी होने हैं। इसको ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने ये बदलाव किए हैं।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी टीम में जो बदलाव किए हैं उनमें सबसे चौंकाने वाला बदलाव है महासचिव राम माधव को हटाना है। वही बीजेपी संगठन में दक्षिण भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे मुरलीधर राव की भी महासचिव पद से छुट्टी कर दी गई। साथ ही हरियाणा में दोबारा सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले डॉ. अनिल जैन को भी महासचिव पद से हटाकर बड़ा कदम लिए गया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के एन्टी ग्रुप की सरोज पांडे भी महासचिव पद से हटा दी गयी हैं।
वहीं इनकी जगह ऐसे नेताओं को मौका दिया गया है जो न सिर्फ चौंकाते हैं बल्कि अनुभव के आधार पर भी कम हैं। नई जिम्मेदारी मिली है तरुण चुग को जो अभी तक राष्ट्रीय सचिव के पद पर काम कर रहे थे। कांग्रेस से बीजेपी में आईं एन टी रामाराव की बेटी डी पुरदेंश्वरी को महासचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
किसी दूसरे दल से आये नेता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलना एक बड़ी बात है। पुरदेंश्वरी मनमोहन सिंह सरकार में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री के तौर पर काम कर चुकी हैं। उन्हें आंध्र प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने के लिए राम माधव की जगह दी गई है। दक्षिण भारत से ही सी टी रवि महासचिव बनाए गए हैं। वो अभी कर्नाटक सरकार में संस्कृति, कन्नड़ और पर्यटन मामलों के मंत्री हैं।
इसके अलावा बीजेपी के दलित चेहरे के तौर पर पहचान बना चुके दुष्यंत कुमार गौतम को भी महासचिव बनाया गया है। हाल ही में उन्हें राज्य सभा भी भेजा गया था। वहीं असम के दिलीप सैकिया का भी अच्छा खासा प्रोमोशन किआ गया है।
इन बदलावों से साफ है कि चुनावी दौर में पार्टी नए सिरे से नए नेताओं के साथ मैदान में उतरने जा रही है। लेकिन बड़ा सवाल ये कि क्या ये नेता पार्टी संगठन की उम्मीदों पर खरा उतर पायंगे।