फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के विवादित कार्टून से शुरू हुआ विवाद कई हत्याओं की वजह बन चुका है। अब इस विवाद की आंच हिंदुस्तान की जमीन तक पहुंच चुकी है। दरअसल मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान इस कत्लेआम को ना सिर्फ जायज ठहराया था। बल्कि कहा था कि अगर मैं होता तो यही करता। हालांकि मुनव्वर राणा ने अपने विचार को समझाने के लिए कई उदाहरण भी दिए थे। लेकिन मुनव्वर राणा के इस विवादित बयान पर ना सिर्फ देश की सियासत गरम हो चुकी है बल्कि अब उनके खिलाफ लखनऊ में वैमनस्य फैलाने का केस दर्ज किया जा चुका है। इसके बाद अब मुनव्वर राणा इस मामले पर सफाई देते दिख रहे हैं। मुनव्वर राणा ने कहा कि मैंने हमलों को जायज नहीं कहा है।
लखनऊ के हजरतगंज थाने में राणा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इस पर मुनव्वर राना का कहना है कि ‘मैं अपनी बात पर कायम रहूंगा। मुझे फ्रांस की घटना पर सच बोलने की जो भी सजा मिलती है वो मुझे मंजूर है। इसके साथ ही मुनव्वर राणा ने कहा कि मैं इन लोगों की तरह नहीं जो मुकदमे वापस कराते फिरते हैं और सच बोलने से डरते हैं। अगर मुझ पर कोई भी गुनाह साबित होता है तो बीच चौराहे पर मुझे गोली मार दो। मुनव्वर राणा ने यह भी कहा कि 69 साल के शायर को चाहे जिहादी बना दो लेकिन सच बोलना नहीं छोड़ूंगा। मेरे खिलाफ बुजदिलों ने किसी के इशारे पर कार्रवाई की। अपने बयान के लिए मैं माफी तो कतई नहीं मांगने वाला। फिर चाहे मुझए फांसी ही क्यों ना हो जाए।
वहीं मुनव्वर राणा ने अपने खिलाफ केस दर्ज कराए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 50 साल मैंने मां सरस्वती के चरणों में बैठकर गुजारे हैं। एक मामूली दरोगा जिसे शब्दावली का प्रयोग नहीं मालूम, वो मुझ पर आरोप लगा रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैंने कोई ऐसी बात नहीं की है और मैं दुनिया में कत्ल की हिमायत नहीं करता हूं लेकिन जब बल्लभगढ़ में निकिता मारी गई तो मैंने ट्वीट किया था कि दोनों मुसलमान लड़कों को ले जाकर उसी जगह गोली मारनी चाहिए।
इसके अलावा राणा ने पिछले महीने बलिया गोलीकांड का जिक्र करते हुए कहा कि बलिया में एक दलित को मार दिया गया। वहां का विधायक कह रहा है कि मैं इसको जायज समझता हूं। तब आपकी हिम्मत नहीं हुई उसके खिलाफ केस दर्ज कराएं।