कृषि कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहें किसान संगठनों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा दीए गए प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। किसानों की माने तो अमित शाह ने उनके सामने शर्त रखी है, जो उन्हें कतई मंजूर नहीं है। बता दें कि शाह ने एक वीडियो जारी कर आंदोलित किसानों को 3 दिसंबर को बातचीत का न्योता दिया था। शाह ने इस वीडियो में कहा कि अगर किसान उससे पहले वार्ता करना चाहते हैं तो उन्हें दिल्ली-हरियाणा सीमा पर मोर्चेबंदी छोड़कर बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड पर जाना होगा।
वहीं किसानों ने इसके लिए एक बैठक की और तय किया कि उन्हें बातचीत के लिए बुराड़ी ग्राउंड जाने की शर्त स्वीकार नहीं है। पंजाब किसान यूनियन के अध्यक्ष रुल्दू सिंह ने बैठक के पहले ही साफ कर दिया था कि विरोध प्रदर्शन का स्थान रामलीला मैदान तय है तो बुराड़ी क्यों जाएं।साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि तीनों कृषि कानूनों के अलावा किसान बिजली संशोधन बिल 2020 को भी वापस लेने की मांग पर हम सभी किसान भाई कायम हैं। अगर केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तो उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी का कानून लाना होगा।
वहीं अमित शाह ने कहा था कि इतनी सर्दी में जो किसान ट्रैक्टरों और ट्रालियों में रह रहे हैं, उनसे मेरी अपील है कि वो दिल्ली पुलिस आपको बड़े मैदान में स्थानांतरित करने के लिए राजी हो जाएं। वहां विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए पुलिस अनुमति दी जाएगी।