उत्तर प्रदेश में आलू की बमपर फसल के बाद, आगरा से सोमवार 6 सितंबर को पहली किसान मालगाड़ी रवाना हुई।
इस माल गाड़ी में 270 टन आलू लादकर यमुना ब्रिज रेलवे स्टेशन से पूर्वोत्तर के राज्य असम के छांगसारी के लिए सोमवार की सुबह 4:30 बजे चलाया गया। सोमवार की सुबह है निकली है ट्रेन 7 सितंबर को छान्गसारी स्टेशन पहुंचेगी जिसे वहां की मंडियों में बेचा जाएगा।
बता दें कि आगरा की आलू बेल्ट के किसानों का आलू अब तक शीतगृहों में रखा हुआ था। इस वर्ष आगरा में आलू की उपज ज्यादा हुई है। उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मंडल ने किसान ट्रेन चलाने की पहल की। इसके लिए दो महीने से आलू उत्पादक किसानों से बातचीत चल रही थी। यमुना ब्रिज स्टेशन पर रविवार की शाम से आलू लादना शुरू किया गया।
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इससे ना केवल आलू की असम में माँग को पूरा किया जाएगा बल्कि एक नयी शुरुआत भी होगी जिससे राज्य आपस में कृषि उत्पादों के क्रय विक्रय को नियंत्रित कर सकेंगे।
इसके बारे में आगरा मंडल के वाणिज्य प्रबंधक एसके श्रीवास्तव का कहना है कि माल भाड़े में 50 फीसदी की छूट दी गई है। एक बोगी के 18 लाख की जगह नौ लाख रुपये ही चुकाने पड़े हैं। इसमें सभी तरह के कच्चे माल में रेलवे यह सब्सिडी देगा। यह ट्रेन सितंबर में पूरे माह हर सोमवार को आगरा का आलू लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों में पहुंचेगी।
वहीं दूसरी ओर सोमवार को डीआरएम आनंद स्वरूप ने बताया कि मंडल में यमुना ब्रिज, कुबेरपुर, मथुरा, होडल, शोलाका, खेड़ली, रामगढ़ जैसे लोडिंग स्टेशनों से व्यापारी अपना माल पार्सल ट्रेन व मालगाड़ियों से परिवहन करें। साथ ही उन्होंने माल लोडिंग को लेकर दी जा रही रियायतों की जानकारी भी दी। इतना ही नहीं बल्कि व्यवसायियों ने जूते का माल मुंबई भेजने के लिए भी प्रस्ताव रखा।
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