एक बार फिर चीन ने ताइवान में घुसपैठ की है.बता दे की चीन ने यहां के डिफेंस जोन में 39 लड़ाकू विमान भेजे हैं. और यह बीते कई महीनों में सबसे बड़ी घुसपैठ बताई जा रही है.वही ताइवान की सरकार ने बताया कि सबसे अधिक लड़ाकू विमान रविवार को भेजे गए थे. जिनकी संख्या अक्टूबर के बाद सबसे अधिक रही. दरअसल, इस देश को आशंका है कि चीन इसपर हमला कर देगा. वही चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है, जबकि ताइवान का कहना है कि वह एक स्वंतत्र देश है.
इतना ही नहीं चीन इतना तक कह चुका है कि वह ताइवान को खुद में शामिल कर लेगा, फिर चाहे उसे बल प्रयोग का ही सहारा क्यों ना लेना पड़ा.बता दे की बीते साल चीन ने ताइवान के एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में कई बार घुसपैठ की थी. 4 अक्टूबर को जब चीन के 56 लड़ाकू विमानों ने यहां घुसपैठ कर दी थी. वही ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि उसने चीनी लड़ाकू विमानों की सूचना मिलते ही चेतावनी के तौर पर अपने लड़ाकू विमान भी भेज दिए. साथ ही ADIZ में दाखिल होने वाले 39 चीनी लड़ाकू विमानों को ट्रैक करने के लिए मिसाइलें तैनात कर दीं.
बता दे की घुसपैठ के लिए भेजे गए इन लड़ाकू विमानों में 24, जे-16 शामिल हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक ताइवान के हवाई रक्षा क्षेत्र का परीक्षण करने के लिए यह चीन का पसंदीदा लड़ाकू विमान है. जबकि 10, जे-10 विमान और एक परमाणु बम गिराने में सक्षम एच-6 बॉम्बर भी भेजा गया. बताया जा रहा है की ताइवान ने इस तरह की घुसपैठ को लेकर नियमित आंकड़े सितंबर 2020 से जारी करना शुरू किया था.और अक्टूबर में रिकॉर्ड 196 घुसपैठ दर्ज की गई थीं. इनमें से 149 लड़ाकू विमान केवल चार दिन के भीतर ही भेजे गए.
जानकारी के मुताबिक यह रक्षा क्षेत्र ताइवान के खुद के हवाई क्षेत्र के समान नहीं है, लेकिन इसमें एक बड़ा क्षेत्र शामिल है, जो चीन के अपने ADIZ के हिस्से के साथ ओवरलैप करता है. बता दे की बीजिंग ने 2016 में त्साई इंग-वेन के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से ताइवान पर दबाव बढ़ा दिया है.क्योंकि वेन ताइवान को चीन का हिस्सा नहीं मानतीं. वह कहती हैं कि ताइवान एक स्वतंत्र देश है.आकड़ो के मुताबिक बीते साल चीन के 969 लड़ाकू विमानों ने ताइवान में घुसपैठ की थी. यानी 2020 में भेजे गए 380 लड़ाकू विमानों से लगभग दोगुने विमान इस बार भेजे गए हैं