केंद्र सरकार लोकसभा में तलाक बिल समेत आज कई अहम् बिधेयको को पेश करेगी। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस को उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है। मई में अपना दूसरा कार्यभार संभालने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद सत्र के पहले ही दिन इस विधेयक का मसौदा पेश किया था। चर्चा के बाद बिल पारित किये जाने की संभावना है। वही दूसरी ओर तीन तलाक बिल के प्रति विपक्ष ने कड़ा बिरोध किया है। सरकार ने इस मुद्दे को अहम् बताते हुए इस बिल को राज्यसभा के पास भेज दिया था। सूत्रों के मुताबिक लोकसभा सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए ओवैसी ने भी तीन तलाक बिल को मुस्लिम पुरुषो के खिलाप संबिधान की मूल भावना के बिरुद्ध बताया था।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदन में मुस्लिम महिला तीन तलाक बिल 2019 पेश करते हुए कहा था कि विधेयक पिछली लोकसभा में पास हो चुका था। लेकिन सोलहवीं लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होने से और राज्यसभा में देरी होने के कारण यह निष्प्रभावी हो गया। इसीलिए सरकार इसे दोबारा इस सदन में लेकर आई है। कानून मंत्री ने बिपक्ष ने कुछ सदस्यों की आपत्ति को सिरे से दरनिकार करते हुए संविधान के मूलभूत अधिकारों का हवाला दिया था। उनका कहना है कि कोई भी धर्म समुदाय कानून के संविधान से बढ़कर नहीं हो सकता इस बिल को पास करने मूल उद्देश्य था महिलाओ व् बच्चो के साथ किसी भी तरह का भेदभाव का निषेद किया जाना था। वही दूसरी तरफ विपक्ष सदस्यों ने इसे एक समुदाय पर केंद्रित और संविधान का उल्लंघन करने वाला बताया था। अब देखना होगा कि राज्यसभा सरकार के आज अहम् मुद्दे पर सक्षम फैसले को किस तरह स्वीकार किया जायेगा। या बाकई इसके विरुद्ध आपत्ति जताना स्वभाविक होगा, अगर होगा भी तो कानून के नियम अनुसार क्या कार्रवाई होगी।
EDITOR BY- RISHU TOMAR