मंदी से उबरने के लिए मोदी सरकार 2.0 ने अब तक का सबसे बड़ा ऐलान किया है. सरकार ने कंपनियों को कई तरह के टैक्स में छूट दी है. ये छूट इतनी बड़ी है कि सरकार पर सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा.
20 सितंबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि कॉरपोरेट टैक्स में ये छूट एक अध्यादेश से प्रभावी होगी. सरकार के बड़े ऐलान से शेयर बाजार तुरंत चढ़ गया. एक बार को तो सेंसेक्स 1600 अंक ऊपर चढ़ गया.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 सितंबर को ये ऐलान किए:
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इनकम टैक्स एक्ट में 2019-20 से प्रभावी एक प्रावधान जोड़ा गया है, जिससे 1 अक्टूबर, 2019 या इसके बाद बनी कोई भी नई घरेलू कंपनी मैन्युफैक्चरिंग में ताजा निवेश करती है तो उस पर 15 फीसदी का इनकम टैक्स लगेगा. पहले इस टैक्स की दर 25 फीसदी थी.
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इनकम टैक्स एक्ट में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है, जिसके मुताबिक किसी घरेलू कंपनी को कुछ शर्तों के साथ 22 फीसदी की दर पर इनकम टैक्स देना होगा. ऐसा करने के लिए ये कंपनियां किसी इंसेंटिव या छूट का फायदा नहीं उठा पाएंगी. सभी सरचार्ज और सेस मिलाकर इन कंपनियों के लिए प्रभावी टैक्स दर 25.17 फीसदी होगी. पहले यह टैक्स 29 से 35 फीसदी तक था.
written by: Heeta Raina
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