सेंट्रल डेस्क सिमरन गुप्ता:- दिल्ली–एनसीआर लगातार चौथे दिन भी गैस चैंबर बना हुआ है। शहर में लगे प्रदूषण मॉनिटरिंग उपकरणों से शुक्रवार सुबह जो आंकड़ेनिकलकर सामने आए हैं उसमें दिल्ली की समग्र(ओवरऑल) वायु गुणवत्ता 729 दर्ज की गई है। यह स्थिति आपातकालीन स्थिति है जोआम लोगों के लिए बेहद खतरनाक है। सिर्फ दिल्ली ही नहीं नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद व अन्य आसपास के इलाकों में भी स्थितिगंभीर(सीवियर) दर्ज की गई है। आज सुबह भी दिल्ली–एनसीआर की सुबह धुंध के साथ हुई।
वहीं दिल्ली में सम–विषम योजना का आज अंतिम दिन है। हालांकि दिल्ली सरकार की ओर से इस योजना में विस्तार की बात कही गईथी लेकिन अब तक ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। आज इस पर फैसला आने की संभावना है।
रविवार को सांस लेने लायक हो सकती है हवा
मौसमी दशाओं में फेरबदल से दिल्ली–एनसीआर की हवा रविवार को बेहतर हो सकती है। इससे पहले इसकी गुणवत्ता में बड़े पैमाने परबदलाव की उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग को पूर्वानुमान है कि शुक्रवार को भी हवा की चाल कमोवेश स्थिर रहेगी। इसके आठ किमीप्रति घंटे की चाल से चलने का अनुमान है।
वहीं, आसमान में बादल छाए रहने से मिक्सिंग हाइट भी ऊपर नहीं जाएगी। शनिवार को हवा की चाल 20 किमी प्रति घंटा होने सेप्रदूषण छंटने की उम्मीद है। इसके बावजूद प्रदूषण स्तर बेहद खराब ही बना रहेगा।
वायु गुणवत्ता को खराब करने वाले कारक
. सतह पर चलने वाली हवाओं की चाल का 10 किमी प्रति घंटे से नीचे होना।
. हवा की दिशा का उत्तर पश्चिमी होना।
. हवा में नमी 91 फीसदी तक।
. मिक्सिंग हाइट (वह ऊंचाई, जहां तक धरती से उठने वाली हवाएं फैलती हैं)
. बारिश का न होना।
बच्चों ने पीएम को लिखी चिट्ठी– हमें साफ हवा चाहिए
गुरुवार को बाल दिवस पर ज्यादातर स्कूलों के बच्चे जहरीली हवा के चलते घरों में कैद रहने को मजबूर रहे। कई स्कूली बच्चों नेप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर प्रदूषण से निपटने के कदम उठाने की अपील की।
दरअसल, पूरे दिल्ली–एनसीआर की हवा मानक से दस गुना से ज्यादा खराब रही। नोएडा व गाजियाबाद देश के सबसे प्रदूषित शहर रहे।दोनों शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 486 रहा। दिल्ली का सूचकांक 463 दर्ज किया गया।
बाल दिवस पर सोशल मीडिया पर भी बच्चों की चिंता और प्रदूषण का मुद्दा छाया रहा। बच्चों के मन की बात से कई बच्चों नेहस्तलिखित पत्र ट्विटर पर साझाकर प्रधानमंत्री से प्रदूषण से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की।
बच्चों का कहना था कि हम साफ हवा में सांस लेना चाहते हैं। हमारी मदद करें। बढ़ते प्रदूषण के चलते ही दिल्ली–एनसीआर के स्कूलोंमें दो दिन की छुट्टी की गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और ईपीसीए शुक्रवार को स्थिति की समीक्षा कर आगे का फैसला करेगा।
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