सेंट्रल डेस्क प्राची जैन: वर्तमान समय में आने वाले तूफानों की गति और प्रवाभ क्षेत्र के बारे में सैटेलाइट सटीक जानकारियां दे रहे हैं। इनके द्वारा दी गईं जानकारियों के कारण ही जन-धन की हानि होने से बचा जा रहा है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व चेयरमैन डॉ. के कस्तूरीरंगन ने गुरुवार को टीईआरआई स्कूल ऑफ एडवांस स्टडी के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इसी कारण तूफान प्रभावित क्षेत्र में होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया गया है।
उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले तक ऐसा नहीं हो पाता था, जिसकी वजह से ज्यादा लोग प्रभावित होते थे। लेकिन, अब जानकारी पहले ही मिल जाने से लोगों को हटाने के साथ बचाव के लिए पहले से ही प्रशासन तैयार हो जा रहा है। हालांकि इसे अभी और कम करने की जरूरत है।
ग्लेशियर पिघलने की भी मिल रही जानकारी
डॉ. कस्तूरीरंगन ने कहा कि सैटेलाइट के जरिए ग्लेशियर पर ठीक से नजर रखी जा रही है। कब यह स्थिर रहेगा और कब यह पिघलना शुरू होगा। इस संबंध में पूरा अनुमान सैटेलाइट की इमेज के जरिए लगाया जा रहा है। ग्लेशियर के बारे में आकलन धीरे-धीरे सही हो रहा है।
पराली से प्रदूषण पर यह बोले डॉ. कस्तूरीरंगन
डॉ. कस्तूरीरंगन ने कहा कि पराली जलने और अन्य गतिविधियों की तस्वीरें इसरो भी लेता है। मगर इसका इस्तेमाल कौन-कौन सी एजेंसी करती हैं, इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है।
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