सेंट्रल डेस्क प्राची जैन: टीम इंडिया ने अपने पहले ऐतिहासिक डे-नाइट टेस्ट में बांग्लादेश को 46 रन से हरा दिया। भारतीय तेज गेंदबाजों ने जबरदस्त गेंदबाजी करते हुए गुलाबी गेंद से सभी 19 विकेट चटकाए। ऐसा पहली बार हुआ जब भारत में टेस्ट जीत में स्पिनर्स का कोई योगदान नहीं रहा।
घरेलू सरजमीं पर टीम इंडिया ने लगातार 12वीं सीरीज जीती है। मैच दो दिन और तीसरे दिन के पहले सत्र में ही खत्म हो गया। यह मुकाबला भारतीय जमीन पर खेला जाने वाला सबसे छोटा मुकाबला है, जिसका नतीजा निकला है। आइए जानते हैं कि कोलकाता में खेली गए पहले डे नाइट टेस्ट मुकाबले में कुल कितनी गेंदें फेंकी गईं।
बांग्लादेशी टीम ने तीसरे दिन अपनी दूसरी पारी को छह विकेट पर 152 रन आगे बढ़ाया तब वह भारत से 89 रन से पीछे थी। भारत को जीत के लिए चार विकेट दरकार थी। कप्तान विराट कोहली की टीम ने यह काम 56 बॉल और 47 मिनट में पूरा कर लिया। बचे हुए तीनों विकेट उमेश यादव ने निकालकर इनिंग्स में अपने पांच विकेट पूरे किए।
इस मैच के दौरान ईडन गार्डन की पिच पर कुल 968 गेंद डाली गई। यह देश में नतीज निकलने वाला सबसे छोटा टेस्ट मैच रहा। गेंदों के लिहाज से भारत ने इससे पहले 2018 में अफगानिस्तान के खिलाफ सबसे जल्दी जीत हासिल की थी। इसमें 1028 गेंदे फेंकी गईं थी।
घरेलू जमीन पर यह पहला मौका रहा जब भारत की जीत में स्पिनर्स का कोई योगदान नहीं रहा यानी उन्हें कोई विकेट नहीं मिला। मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ने टेस्ट में इस मुकाबले में कुल 9 विकेट लिए, उमेश यादव ने आठ और मोहम्मद शमी ने दो विकेट चटकाए। स्पिनर्स ने मैच में सिर्फ सात ओवर डाले। भारतीय तेज गेंदबाजों ने इस मैच में मिलकर 19 विकेट अपने नाम किए और टीम इंडिया को जीत दिलाई।
टेस्ट इतिहास में यह तीसरा मौका है जब भारत के तेज गेंदबाजों ने किसी मुकाबले में मिलकर 19 या उससे अधिक विकेट लिए हैं। उन्होंने इससे पहले 2018 में ट्रेंट ब्रिज में इंग्लैंड के खिलाफ 19 विकेट और 2017-18 में जोहानिसबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 20 विकेट लिए थे।
यह पहली बार है जब किसी टेस्ट में दो भारतीय तेज गेंदबाजों ने आठ या इससे ज्यादा विकेट निकाले। पिछली 2010 की एशेज सीरीज के दौरान देखने को मिला था कि ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज रेयान हैरिस और मिचेल जॉनसन ने मैच में 9-9 विकेट चटकाए थे।
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