बिहार विधानसभा चुनाव का ऐलान होते ही सीटों का गुणा गणित शुरू हो गया है। सत्ता और विपक्ष दोनों के ही गठबंधनों में खटपट की खबरें लगातार आ रही हैं। विपक्ष के महागठबंधन में काफी तेजी से घटनाक्रम सामने आ रहे हैं और साफ दिखाई दे रहा है कि यहां सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। बिहार में महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के सीएम फेस तेजस्वी यादव के सामने एक के बाद एक मुश्किलें खड़ी होती दिख रही हैं। असल में जो पूरी उठापटक है वो सीटों के बंटवारे को लेकर हैं। पहले कांग्रेस और अब विकासशील इनसान पार्टी प्रदेश में उप मुख्यमंत्री पद की शर्त तेजस्वी के सामने रख दी है।
महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर पहले ही खटपट हो रही थी वहीं अब वीआइपी अध्यक्ष मुकेश साहनी ने पटना में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और दिल्ली में कांग्रेस नेता अहमद पटेल से मुलाकात कर उपमुख्यमंत्री पद की मांग की है। मुकेश सहनी ने दोनों नेताओं से सीट बंटवारों को लेकर मुलाकात के दौरान इस मुद्दे पर भी बात की है। वीआइपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव मिश्रा ने भी इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि विकासशील इन्सान पार्टी ने गठबंधन के सामने 25 सीटों की मांग रखी है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन से जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के हटने के बाद दलों की संख्या कम हो गई हैं। ऐसे में उन्होंने 25 सीटों की मांग के साथ उपमुख्यमंत्री पद पर दावेदारी भी की है।
हालांकि इस बीच कांग्रेस भी तेजस्वी को तेवर दिखा चुकी है। कांग्रेस ने सम्मानजनक सीटों की मांग रखते हुए कहा है कि अगर कांग्रेस को उचित संख्या पर सीट नहीं मिलती है तो कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने के लिए भी पूरी तरह से तैयार है। बिहार चुनाव को लेकर कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर बनाई गई स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडेय ने सम्मानजनक सीटों को लेकर साफ साफ चेतावनी दी है।
बिहार में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं। हालांकि अभी तक दोनों ही तरफ के गठबंधनों में सीट बंटवारे पर स्थिति साफ नहीं हो सकी है। धीरे धीरे वक्त बीत रहा है और दोनों ही तरफ के गठबंधनों में खटास भी उभरकर सामने आ रही है। बड़ा सवाल ये कि तेजस्वी यादव आखिर कैसे इस स्थिति को संभालने में कामयाब होते हैं।