यूं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कई प्रशंसक है पर उनके प्रशंसकों की लिस्ट में अब कपिल देव का भी नाम जुड़ गया है जानिए कपिल देव के वायरल ट्वीट के बारे में
वर्ष 2021 में हुए टोक्यो ओलंपिक के सभी विजेता खिलाड़ियों से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाकात की और सभी विषयों पर खुलकर बात की साथ ही उनसे अपना अनुभव साझा करने को कहा। सभी खिलाड़ियों से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री का व्यवहार बहुत ही नम्र था।
यह व्यवहार भारत विजेता पूर्व कप्तान कपिल देव को बहुत ही पसंद आया। जिसके बाद उन्होंने ट्वीट कर प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए लिखा कि, ओलंपियनों के साथ आपका संवाद देखा और बहुत अच्छा लगा। यह हर खिलाड़ी के साथ तालमेल बिठाएगा। आज आपने समूचे खेल जगत का दिल जीत लिया। जय हिंद!’ इसके बाद कपिल देव ने बताया कि किस तरह मोदी जी ने पूरे खेल जगत का दिल जीत लिया। वहीं, कपिल देव के इस ट्वीट का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, कपिल देव इन शब्दों के लिए आपका शुक्रिया। आप सभी खेल प्रेमियों के लिए प्रेरणा के स्रोत रहे हैं। हम सभी को मिलकर काम करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि भारतीय खेल आने वाले समय में नई ऊंचाइयों पर पहुंचे।’
कपिल देव ने द स्टेट्समैन लिखा है कि, ‘यह स्पष्ट नहीं है कि भारत के किसी प्रधानमंत्री ने कभी कहा है कि वह हमारे देश में खेल की संस्कृति बनाना चाहते हैं। उन्होंने माता-पिता से उन बच्चों को प्रोत्साहित करने की अपील की, जो खेल खेलना चाहते हैं। मोदी जी ऐसा करने वाले पहले हो सकते हैं। प्रधानमंत्री ने माता-पिता से अपने बच्चों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कहा।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘ओलंपिक के दौरान भी प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों के साथ बात की थी, लेकिन उसमें भाषण या औपचारिकता नहीं थी। उन्होंने बजरंग पुनिया के दृढ़ संकल्प और रवि दहिया के साथ विरोधी के काटने के बारे में पूछा। वहीं, नीरज चोपड़ा से पूछा कि उन्हें कैसे पता चला कि उन्होंने भाला फेंकते ही जीत हासिल कर ली थी।’
उन्होंने कहा कि, सबसे बड़ी बात यह है कि भारत के लोकतंत्र के प्रभारी व्यक्ति मानते हैं कि खेल और खेल संस्कृति महत्वपूर्ण हैं। यही खेल संस्कृति के विकास को बढ़ावा देता है, जो मोदी जी की सबसे बड़ी विरासतों में से एक होगी। एक खिलाड़ी के रूप में, मैं खेल समुदाय को प्रधानमंत्री से प्यार और समर्थन प्राप्त करते हुए देखकर बहुत खुश हूं। मैं यह जोड़ना चाहता हूं कि अगर हमें भविष्य में और पदक जीतने हैं तो हमें खेल के बुनियादी ढांचे पर ध्यान देना चाहिए और खेल के उपकरण पर कोई शुल्क नहीं होना चाहिए जो कि एथलीटों की आवश्यकता होती है।