बिहार में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे वैसे राज्य में सियासी उठापटक रफ्तार पकड़ती दिख रही है। इस वक़्त सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है लोक जनशक्ति पार्टी के रुख की। एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी का चुनाव को लेकर क्या रुख रहेगा, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर अभीतक कोई आखिरी फैसला नहीं हो सका है। और सीटों की हिस्सेदारी को लेकर लगातार बातचीत का दौर चल रहा है।
एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने सोमवार देर शाम बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान दोनों पार्टियों के बीच सीटों पर तालमेल को लेकर बातचीत हुई है।
सूत्रों के हवाले सेंख़बर है कि बीजेपी ने अपना ऑफर चिराग पासवान के सामने रख दिया है। कहा जा रहा है कि चिराग पासवान और जेपी नड्डा की मुलाकात के दौरान बीजेपी ने लोक जनशक्ति पार्टी को 27 सीटों का ऑफर दिया है। हालांकि, सूत्र बता रहे हैं कि चिराग पासवान की कोशिश और ज्यादा सीटें हासिल करने की है।
दरअसल, 2015 विधानसभा चुनाव में एलजेपी 42 सीटों पर चुनाव लड़ चुकी है। चिराग पासवान की कोशिश है कि इस बार भी 30 से ज्यादा सीटें एलजेपी को मिलनी चाहिए। इसे लेकर उन्होंने मुखर रवैया भी अपनाया हुआ है और वो विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं। फिलहाल एलजेपी के बदले तेवर के बीच एनडीए में सीट बंटवारे का पेंच फंसा हुआ है।
कुछ खबरों के मुताबिक 3 अक्टूबर से पहले एनडीए की तरफ से सीट बंटवारे का ऐलान कर दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, बिहार चुनाव के लिए NDA ने अपना फॉर्मूला करीब करीब तैयार कर लिया है।
सूत्रों के मुताबिक ये है फॉर्मूला-
जेडीयू 103 और बीजेपी 101 सीट पर बिहार चुनाव लड़ने जा रही है। जेडीयू ने ज्यादा सीटों की मांग की है, लेकिन सीट बंटवारे का फॉर्मूला 2010 की तरह ही तैयार करने की बात भी कही गई है। दरअसल 2010 में जेडीयू 141 और बीजेपी ने 102 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में जेडीयू ने 115 तो बीजेपी ने 91 सीटों पर जीत हासिल कर लालू यादव की पार्टी आरजेडी को 22 सीट पर रोक दिया था।
अब सवाल ये है कि क्या जीत के लिए तैयार किए गए इस फॉर्मूले पर एनडीए के घटक दलों में सहमति बन सकेगी और अगर बन भी गयी तो क्या ये फॉर्मूला जीत दिला सकेगा। इन सवालों का जवाब तो नतीजॉन के बाद ही मिल सकेगा।