हिंदी साहित्य के मशहूर आलोचक नामवर सिंह को ब्रेन हेमरेज की हुई बिमारी के बाद उनको दिल्ली के एम्स सेंटर में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि वो अपने रुम में गिर गए थे, जिसके बाद उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
नामवर सिंह को ब्रेन हैमरेज होने के बाद उनको गंभीर हालात में हॉस्पिटल ले जाया गया। खबरो के अनुसार उनकी हालत में काफी सुधार है। अभि खतरे से बाहर बताए जा रहे है और वो अब बातचित भी कर रहे है।
नामविर सिंह का जन्म 28 जुलाई 1926 में हुआ था।नामविर सिंह बनारस उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। हिन्दी के शीर्षस्थ शोधकार-समालोचक, निबन्धकार तथा मूर्द्धन्य सांस्कृतिक-ऐतिहासिक उपन्यास लेखक हजारी प्रसाद द्विवेदी के प्रिय शिष्यध रहे हैं। अत्यधिक पढ़ाकू तथा विचारक प्रकृति के नामवर सिंह हिंदी के अपभ्रंश साहित्य से आरम्भ कर निरन्तर समसामयिक साहित्य से जुड़े हुए आधुनिक अर्थ में विशुद्ध आलोचना के प्रतिष्ठापक तथा प्रगतिशील आलोचना के प्रमुख हस्तक्षिर हैं।
जानिए नामवर सिंह के जिवन के बारे में
नामवर सिंह का जन्म 28 जुलाई 1926 को बनारस के एक गाँव जीयनपुर में हुआ था। लम्बे समय तक 1 मई 1927 को उनकी जन्म-तिथि के रूप में माना जाता रहा है और नामवर जी स्वयं भी अपना जन्म-दिवस इसी तारीख को मनाते रहे हैं, लेकिन यह स्कूल में नामांकन करवाते वक्त लिखवायी गयी तारीख थी। उन्होंने हिन्दी साहित्य में एम.ए. व पी-एच.डी. करने के पश्चात् काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अध्यापन किया लेकिन 1959 में चकिया चन्दौली के लोकसभा चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार रूप में चुनाव लड़ने तथा असफल होने के बाद उन्हें बी.एच.यू छोड़ना पड़ा। बी.एच.यू के बाद डॉ० नामवर सिंह ने क्रमश: सागर विश्वविद्यालय और जोधपुर विश्वविद्यालय में भी अध्यापन किया। लेकिन बाद में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में उन्होंने काफी समय तक अध्यापन कार्य किया। अवकाश प्राप्त करने के बाद भी वे उसी विश्वविद्यालय के भारतीय भाषा केन्द्र में इमेरिट्स प्रोफेसर रहे। वे हिन्दी के अतिरिक्त उर्दू, बाङ्ला एवं संस्कृत भाषा भी जानते हैं।