Written By : Amisha Gupta
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों से एक दिन पहले ‘कैश फॉर वोट’ (Cash for Vote) को लेकर विवाद छिड़ गया है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े पर विपक्षी दलों ने गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें दावा किया गया है कि उन्होंने चुनावी रणनीति के तहत मतदाताओं को पैसे बांटे हैं। इस मामले ने राज्य के राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि तावड़े ने एक चुनावी रैली के दौरान भारी मात्रा में नकद धनराशि बांटी, जिससे मतदाताओं को प्रभावित किया गया और चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की कोशिश की गई। यह आरोप उस समय सामने आया जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की काउंटिंग से पहले चुनावी हिंसा और धनबल के इस्तेमाल की खबरें तेज हो गई थीं। विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह राज्य की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का एक प्रयास है।
हालांकि, इन सभी आरोपों का BJP नेता विनोद तावड़े ने सख्त नकारा किया है।
उन्होंने दावा किया है कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और उनका कोई आधार नहीं है। तावड़े ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैंने किसी भी तरह के पैसों का वितरण नहीं किया है, यह सिर्फ एक साजिश है जो मेरी छवि को धूमिल करने के लिए की जा रही है।” उन्होंने आरोपों को राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के तहत किया गया एक निचला कदम बताया और चुनाव आयोग से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। इस बीच, महाराष्ट्र चुनाव आयोग ने मामले को गंभीरता से लिया है और जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने कहा है कि यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो संबंधित पार्टी और नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य में हो रही राजनीतिक सरगर्मियों ने आम मतदाताओं और कार्यकर्ताओं के बीच भी चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि इससे चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यह मामला इस बात की ओर भी इशारा करता है कि चुनावी माहौल में पैसों का प्रभाव दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, जो लोकतंत्र के लिए एक खतरे की घंटी हो सकती है।