कृषि कानूनों के विरोध में कई राज्यों के किसान दिल्ली की सीमाओं पर लगातार करीब दो महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। 9 दौर की वार्ताओं के बावजूद अभी तक कोई समाधान नहीं निकल सका है। किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस कराने की मांग पर अड़े हैं तो वहीं सरकार संशोधन के अलावा किसी चीज पर तैयार नहीं है। इस पूरे माहौल के बीच किसानों का प्रदर्शन सियासी दलों की राजनीति के लिए भी एक खास मौका बन चुका है। किसानों के समर्थन में कांग्रेस ने दिल्ली में राजभवन का घेराव किया। इस प्रदर्शन की अगुवाई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा सांसद राहुल गांधी ने की। राहुल गांधी ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया और केंद्र सरकार पर जमकर हमला भी बोला। राहुल गांधी ने किसान आंदोलन में खालिस्तानी समर्थकों की भूमिका होने के आरोपों पर सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी और नरेंद्र मोदी जी का एक ही लक्ष्य है अपने अमीर दोस्तों को फायदा पहुंचाना। अब देश का किसान और मजदूर उनकी इस मंशा को समझ चुका है। राहुल गांधी ने कहा कि जिनके बेटे देश के बॉर्डर पर देश की सेवा में खड़े हैं वो लोग खालिस्तानी कैसे हो सकते हैं।
वहीं राहुल गांधी के इस बयान को लेकर शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल की प्रतिक्रिया सामने आई है। हरसिमरत कौर ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी से कई सवाल किए हैं। कौर ने कहा कि जब आप इन सवालों का जवाब दे दें, फिर किसानों की बात करें।
दरअसल हरसिमरत कौर ने ट्वीट किया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस और पंजाबियों को खालिस्तानी कहने पर घड़ियाली आंसू बहाने के पहले राहुल गांधी आपको ये बताना चाहिए कि क्यों आपकी दादी पंजाबियों के लिए खालिस्तानी शब्द का इस्तेमाल करती थीं। क्यों आपने उन्हें ड्रग्स एडिक्ट नाम दिया। एक बार जब आप इन सवालों के जवाब दे दें, फिर पंजाब के किसानों की बात करें। हरसिमरत कौर बादल ने राहुल गांधी पर तीखा तंज कसते हुए पूछा कि राहुल गांधी तब कहां थे जब किसानों ने पंजाब में धरना दिया था। संसद से जब बिल पास हो रहा था, तब वो कहां चले गए थे।
किसान आंदोलन की आड़ में विपक्षी दल सरकार पर निशाना साधने का मौका नहीं चूक रहे हैं। कांग्रेस भी इसे लेकर पीछे नहीं हटना चाहती। हालांकि आज राहुल गांधी से शिरोमणि अकाली दल की तरफ से जो सवाल पूछे गए हैं वो इसका जवाब देते हैं या नहीं ये तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा।