दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब दो महीने से चल रहा किसानों का आंदोलन अभी खत्म होता नहीं दिख रहा है। सरकार के साथ ग्यारह दौर की वार्ता के बावजूद किसी तरह का कोई समाधान नहीं निकल सका है। वहीं इस बीच किसानों की तरफ से 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड का ऐलान किया गया है। वहीं दिल्ली पुलिस के साथ बातचीत के लंबे दौर के बाद किसानों को कुछ शर्तों के साथ दिल्ली के बाहरी इलाकों में ट्रैक्टर रैली की इजाजत मिल गई है। दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर ने कहा कि किसानों के साथ सभी बिंदुओं पर बात हुई है। पूरे सम्मान के साथ ट्रैक्टर रैली की हमारी कोशिश है।
ट्रैक्टर रैली पर दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर ने कहा कि आज किसानों से अच्छा संवाद हुआ। दिल्ली की तीन जगहों से ट्रैक्टर रैली की इजाजत दी गई है। इन तीनों बॉर्डर पर बैरिकेड हटाए जाएंगे। कुछ शर्तों के साथ किसानों को ट्रैक्टर रैली की इजाजत दी गई है।
वहीं उन्होंने कहा कि किसानों की इस रैली में गड़बड़ी को लेकर भी इनपुट मिले हैं। कुछ पाकिस्तान के ट्विटर हैंडल्स की हम निगरानी कर रहे हैं।
वहीं दिल्ली पुलिस के साथ बातचीत के बाद योगेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली पुलिस की तरफ से आधिकारिक रूप से 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाजत मिल चुकी है। जितने भी साथी अपनी ट्रालियां लेकर बैठें है। मैं उनसे अपील करता हूं कि सिर्फ ट्रैक्टर दिल्ली के अंदर लेकर आएं, ट्रॉलियां लेकर ना आएं।
आज किसानों के आंदोलन का 58 दिन हो चुके हैं। तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली एनसीआर के बॉर्डर पर किसान धरना दे रहे हैं। सरकार इन कानूनों को 18 महीनों तक के लिए होल्ड करने पर राजी हुई है। लेकिन किसान कानून को रद्द करने के अलावा और कुछ भी नहीं चाहते हैं।