हाल ही में लखनऊ में हुए थप्पड़ कांड के पीड़ित ड्राइवर ने अदालत में पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उसने आरोप लगाया है कि किसी भी पुलिस वाले ने ना तो अपनी ड्यूटी सही से की और ना ही उसकी परेशानी को दूर किया। ड्राइवर का आरोप है कि पुलिसवालों ने अपने पद के कर्तव्यों से परे जाकर अत्याचार, गुंडागर्दी, छिनैती, कूटरचना और अवैध हिरासत में रखने जैसे आरोप लगाए हैं। ड्राइवर ने अदालत में इन सबके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने की मांग की है।
ड्राइवर की अर्जी पर सीजेएम रवि कुमार गुप्ता ने रिपोर्ट दर्ज कर ली और अगली सुनवाई 18 सितंबर की रखी है। ड्राइवर सहादत अली सिद्दकी का कहना है कि 30 जुलाई, 2021 की रात प्रियदर्शनी नारायण आलमबाग नहरिया के पास ग्रीन सिग्नल के बावजूद जबरिया लाइन क्रास कर रही थीं। उसने अपनी कार रोक ली थी। फिर भी न जानें क्यों प्रियदर्शिनी ने ड्राइविंग सीट की खिड़की से कार के डैश बोर्ड पर रखा मोबाइल और पैसा उठा लिया। उसने मोबाइल तोड़ दिया और मुझे कार से खींचकर थप्पड़ मारने लगी। उस वक्त ट्रैफिक पुलिस के एक कांस्टेबल और दारोगा भी वहां मौजूद थे लेकिन दोनों में से किसी ने लड़की को नहीं रोका। कुछ देर बाद वहां कृष्णा नगर के पुलिस आई और कैब ड्राइवर और प्रदर्शनी दोनों को ही थाने ले गई। थाना प्रभारी महेश कुमार को पूरी घटना बताई लेकिन पुलिस उसकी बात ही नहीं सुन रही थी। पुलिस ने लड़की और उसके परिवार वालों के दबाव और व्यक्तिगत संबधों के चलते उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टे उसे ही लाकअप में बंद कर दिया। फिर लड़की को छोड़ दिया।
ड्राइवर ने बताया कि उसके दोनों भाई ने सोशल मीडिया पर वीडियो को देखते ही थाने पहुंच गए और उन्होंने पुलिस अधिकारी से कहा कि जब मेरे भाई को कोई गलती नहीं है, तो उसे क्यों बंद रखा गया है। इस पर पुलिसवालों ने गाली देते हुए लाठी से उनकी पिटाई शुरू कर दी। उन सभी को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने धमकी दी कि चुपचाप अपनी गलती कबूल कर लें वर्ना झूठे मुकदमे में चालान कर देंगे। एनकाउंटर करने की भी धमकी दी। इसके बाद दस हजार रुपए जबरन वसूल कर दूसरे दिन मेरी गाड़ी छोड़ दी। फिर बिना कोई अपराध बताए सभी का चालान कर दिया। पुलिस ने चालान रिपोर्ट में लिख दिया कि ये लोग अपना हस्ताक्षर करना नहीं चाहते हैं।