उत्तर प्रदेश के आगरा में पेट्रोल की घटतौली का मामला सामने आया है बता दें कि एक युवक ने 200 रुपये का पेट्रोल भरवाया और रसीद भी मिली। लेकिन पेट्रोल कम होने का शक हुआ तो उसने पंप से उस दिन की बिक्री का विवरण निकलवाया और विवरण से साफ हो गया कि 90 रुपये का पेट्रोल ही डाला गया जिसके बाद युवक ने पंप मैनेजर से घटतौली की शिकायत की तो वह महीनेभर तक टैंक फुल करने का लालच देने लगा।
घटतौली की शिकायत हुई दर्ज
पीड़ित युवक ने तहसील में घटतौली की शिकायत दर्ज कराई जिस पर एडीएम सिटी अंजनी कुमार ने बताया कि मामला गंभीर है और जिला पूर्ति अधिकारी को स्वयं जाकर पंप की जांच करने के आदेश दिए हैं और अब प्रशासनिक स्तर पर अन्य पंप पर घटतौली की जांच भी कराई जाएगी।
क्या है पूरा मामला
शहीद नगर निवासी जावेद ने बताया कि मैंने एक्टिवा में प्रतापपुरा स्थित फ्रेंड्स फिलिंग सेंटर से 200 रुपये का पेट्रोल भरवाया था। इसके बाद मशीन से बिल भी मिला, जिसमें 200 रुपये की 95.03 रुपये प्रति लीटर की दर से 2.10 लीटर पेट्रोल की पर्ची दी गई। परंतु एक्टिवा के पेट्रोल मीटर की सुई आगे नहीं बढ़ी तो शक हुआ
सेल स्टेंटमेंट चैक करने पर खुली पोल
युवक ने जब पंप कर्मी को पेट्रोल मीटर की सुई आगे नहीं बढ़ने के बारे में बताया तो उसने कहा कि मैंने पूरा पेट्रोल डाल दिया है और पेट्रोल मीटर की सुई से कोई मतलब नहीं। जावेद ने कहा कि इसके बाद मैंने वहीं मौके पर उसका वीडियो भी बना लिया। और फिर इस बारे में मैनेजर को बताया तो उसने कंप्यूटर में कस्टमाइज्ड सेल स्टेटमेंट चैक किया। स्टेटमेंट में 90 रुपये के पेट्रोल की बिक्री दर्ज मिली।
जावेद ने कहा कि जो मेरे साथ हुआ वह अन्य लोगों के साथ भी हो सकता है। इसलिए अपना काम छोड़कर यहां शिकायत कराने आया हूं। जावेद का कहना है कि ऐसे पंप को बंद कर देना चाहिए। क्योंकि लोग पहले ही महंगे पेट्रोल-डीजल से परेशान हैं, ऊपर से इस तरह घटतौली के नाम पर लूट हो रही है।
पांच प्रमाण पत्र कराए जारी
तहसील दिवस के मौके पर संपूर्ण समाधान में कुल 104 शिकायतें आईं। जिनमें प्रमाण पत्रों से संबंधित पांच शिकायतों का मौके पर निस्तारण किया गया है। तहसीलदार रजनीश वाजपेयी ने बताया कि दो निर्बल आय वर्ग, दो जाति व एक निवास प्रमाण पत्र जारी कराया है। प्रमाण पत्र पहले से बना रखा था। प्रार्थी को नहीं मिलने के कारण शिकायत की। जिसे तत्काल आवेदक को दिलाया गया है।
दो साल से नहीं बनी नाली
शमसाबाद रोड निवासी इंद्र प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि राजेश्वर मंदिर के सामने गली नंबर एक में दो साल से अब तक नाली व सड़क नहीं बनी उसने कहा कि तीसरी बार प्रार्थना पत्र दिया है। परंतु तहसील दिवस में शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं होती।
इसके अलावा देवरैठा नंबर-1 निवासी कुलदीप का कहना है कि देवरैठा में प्राचीन चामुंडा मंदिर है। नाली व सीवर का पानी मंदिर परिसर में भर जाता है। इससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं और डेंगू, मलेरिया बीमारी फैलने की भी आशंका है