सेंट्रल डेस्क दीपक खाम्बरा- गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। राजस्थान से जारी हुए वीडियो में हार्दिक ने कहा कि वह निश्चित तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे क्योंकि दीदी ने मोदी सरकार को हटाने और संविधान को बचाने की लड़ाई छेड़ दी है। हार्दिक के इस बयान से राजनीतिक जगत में हलचल तेज हो गई है। पिछले साल जुलाई के महीने में हार्दिक 25 साल के हो गए थे, जिसके साथ ही वह लोकसभा चुनाव लड़ने के योग्य हो गए थे।
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उनके इस ऐलान के बाद यह कयास लगाये जा रहे हैं कि वह पोरबंदर या अमरेली सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। यह दोनों ही लोकसभा सीटें पाटीदार बहुल हैं। इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि वह जिग्नेश मेवाणी की तरह ही कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं।
(CREDIT NDTV)
बता दें कि जिग्नेश मेवाणी ने वर्ष 2017 में गुजरात में विधानसभा चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा और अपनी सीट जीतने में कामयाब रहे थे, लेकिन बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके विपरीत हार्दिक के पोरबंदर से चुनाव लड़ने की संभावना ज्यादा है। यहां पर 7 विधानसभा सीटों में से दो पर कांग्रेस का कब्जा है। यहां एक सीट पर एनसीपी उम्मीदवार को जीत मिली है। एनसीपी विधायक भी हार्दिक की मदद कर सकते हैं। वहीं गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा कि अभी तक हार्दिक पटेल की ओर से उन्हें कोई आधिकारिक प्रस्ताव नहीं मिला है। उन्होंने आगे कहा कि जब उन्हें प्रस्ताव मिल जाएगा तो वे सहयोग के विषय में चर्चा करेंगे।
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राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक अमरेली सीट से हार्दिक चुनाव जीत सकते हैं। हालांकि उन्हें स्थानीय विधायकों की अच्छी छवि को भुनाना होगा। उन्हें सूरत से भी मदद मिल सकती है, जहां बड़ी संख्या में अमरेली के लोग रहते हैं। तो वहीं पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति व हार्दिक पटेल के पूर्व साथी रहे दिनेश बांभणिया ने हार्दिक पर आंदोलन का इस्तेमाल करके अपना राजनीतिक स्वार्थ पूरा करने का आरोप लगाया है।