सेंट्रल डेस्क सिमरन गुप्ता :- महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर रस्साकशी जारी है। भाजपा और शिवसेना के बीच सरकार बनाने को लेकर सहमति न बनने के बाद महाराष्ट्र में दोनों पार्टियों की राहें जुदा हो गईं। कारण कि शिवसेना के एकमात्र सांसद और केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल अरविंद सावंत ने पद से इस्तीफा दे दिया।
उन्होंने सोमवार को प्रेसवार्ता कर कहा कि हमारा गठबंधन खत्म हुआ। मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। शिवसेना महाराष्ट्र में नई सरकार बनाने जा रही है। बता दें कि सरकार बनाने को लेकर एनसीपी और कांग्रेस के साथ शिवसेना बातचीत कर रही है। इसी क्रम में उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य के साथ शरद पवार से मिलने के लिए उनके आवास जा रहे हैं।
इस्तीफा देने के बाद सावंत ने कहा, ‘भाजपा चुनाव पूर्व किए अपने वादों से पीछे हट गई है। ऐसे में मेरे लिए केंद्र में बने रहना नैतिक रूप से सही नहीं था इसलिए मैंने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है।’ सावंत केंद्र सरकार में भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री का पदभार संभा रहे थे।
सोमवार सुबह उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ” लोकसभा चुनाव से पहले सरकार गठन को लेकर एक फॉर्मूला तय हुआ था। लेकिन अब इस फॉर्मूले को मना किया जा रहा है। भाजपा ने झूठ की जरिए महाराष्ट्र में काफी प्रगति की। शिवसेना हमेशा सच के साथ खड़ी होती है। इतने झूठे माहौल में दिल्ली सरकार में क्यों रहना? इसीलिए मैं केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं दिल्ली में आज सुबह 8.30 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा।”
राज्य में सरकार गठन को लेकर एनसीपी ने शिवसेना का समर्थन करने की बात कही है, हालांकि ऐसा करने से पहले वह कांग्रेस पार्टी के फैसले का इंतजार कर रही है। एनसीपी का कहना है कि कांग्रेस जो भी फैसला करेगी उसके मुताबिक ही वह अपना रुख तय करेगी।
खबरे हैं कि सोनिया गांधी ने शरद पवार को आगे बढ़ने की स्वीकृति दे दी है। ऐसे में उद्धव ठाकरे बेटे आदित्य ठाकरे को साथ लेकर पवार से मिलने के लिए उनके पहुंच चुके हैं। वहीं एनसीपी के सभी विधायक शिवसेना को समर्थन देने के लिए तैयार हैं। यदि ऐसा होता है तो सरकार न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत चलाई जाएगी।
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