पटना 29 जुलाई। नितीश कुमार ने सरकार गठन के समय सुशासन के साथ शुन्य भ्रष्टाचार की बात कही हो लेकिन CAG रिपोर्ट में तो कुछ और ही नज़र आ रहा है पुल निर्माण कार्यों में लगातार हो रही दिशानिर्देशों की अनदेखी, जानिए क्या है पूरा मामला
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक( सीएजी) ने कहा बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड (BRPNNL) ने प्रावधान का उल्लंघन करते हुए पटना में 3 फ्लाईओवर के निर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित की है। BRPNNL पथ निर्माण विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में राज्य सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी है। सीएजी द्वारा बृहस्पतिवार को बिहार विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि बीआरपीएनएनएल ने कोडल प्रावधान का उल्लंघन करते हुए न केवल निविदाएं आमंत्रित की और तकनीकी मंजूरी से पहले तीन फ्लाईओवर पटना शहर के आर ब्लॉक-करबिघिया और लोहिया पथ चक्र का काम शुरू किया बल्कि ठेकेदार को 66.25 करोड़ का भी भुगतान किया।
कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ना तो सलाहकारों के चयन में पारदर्शिता बरती गई ,और ना ही भुगतान को प्रदेय वस्तु या काम की प्रगति से जोड़ा गया इसके परिणाम स्वरूप सलाहकारों को समय से अधिक और अनुचित लाभ हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अभिलेखों की जांच से पता पता चला है कि 2 परियोजनाओं आर ब्लॉक करबिघिया की योजना बनाते समय फ्लाईओवर की आवश्यकता का आकलन करने के लिए कोई यातायात सर्वेक्षण नहीं किया गया।
कैग ने आगे कहा कि किसी भी यातायात आंकड़े के अभाव में यह सत्यापित नहीं किया जा सकता है कि क्या यह फ्लाईओवर ठीक से डिजाइन किया गया और क्या फ्लाईओवर में प्रदान की गई ट्रैफिक लेन की संख्या आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। कैग रिपोर्ट में मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में राजस्व क्षेत्र के विभिन्न विभागों में राजस्व की हानि और करो के कम निर्धारण सहित अनियमितताओं को भी उजागर किया गया है ।
रिपोर्ट में राज्य सरकार के खदान और भूतत्व विभाग के बारे में कहा गया है कि खनन अधिकारियों द्वारा रॉयल्टी के निलंबित या भुगतान न करने पर ब्याज लगाने में विफलता और परिणाम स्वरूप राजस्व की की वसूली नहीं हुई है।। एक तरफ जहां राज्य सरकार सुशासन के तहत सुन्य भ्रष्टाचार से राज्य का विकास करना चाहती है तो वहीं दूसरी तरफ निर्माण कंपनियों के अनियमितताओं से सीएजी के सामने राज्य सरकार की छवि खराब हो रही है।