Written By : Amisha Gupta
दिल्ली में छठ पर्व के अवसर पर एक दिन का अवकाश घोषित किया गया है।
दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना ने इस अवकाश का प्रस्ताव दिया था, जिसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंजूरी दे दी है। यह फैसला राजधानी में छठ पर्व के महत्व को देखते हुए लिया गया है, जो मुख्य रूप से पूर्वांचल के निवासियों द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है।
इस बार दिल्ली सरकार ने छठ पूजा के लिए विशेष अवकाश देने का निर्णय लिया है।
उपराज्यपाल द्वारा प्रस्तावित इस अवकाश को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने त्वरित स्वीकृति दी। यह फैसला न केवल एक अवकाश का ऐलान है, बल्कि दिल्ली में छठ पूजा के महत्व और पूर्वांचली समुदाय के प्रति सम्मान को दर्शाता है। इस कदम से न केवल श्रद्धालुओं को अपने त्योहार को मनाने का अवसर मिलेगा, बल्कि उनके त्योहार में सरकारी मान्यता मिलने से समुदाय में संतोष और खुशी का माहौल भी बना है।
यह पहली बार नहीं है कि दिल्ली में छठ पर्व पर विशेष आयोजन किए जा रहे हैं, लेकिन इस वर्ष छुट्टी का ऐलान होने से यह अवसर और खास बन गया है।
इससे लाखों श्रद्धालुओं को न केवल त्योहार मनाने का समय मिलेगा, बल्कि वे अपने परिजनों के साथ मिलकर सामूहिक रूप से सूर्य उपासना भी कर सकेंगे। दिल्ली के विभिन्न घाटों पर छठ पूजा का आयोजन होगा, जिसमें प्रशासन की ओर से विशेष प्रबंध भी किए जाएंगे।
दिल्ली सरकार और प्रशासन ने छठ पर्व के आयोजन के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की हैं।
दिल्ली के यमुना घाटों और विभिन्न जलाशयों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाटों की सफाई, सुरक्षा, बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंध किया गया है। इसके साथ ही पुलिस और सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया है ताकि लोग सुरक्षित और सुव्यवस्थित तरीके से पूजा कर सकें !
यह अवकाश न केवल धार्मिक बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
दिल्ली में पूर्वांचल समुदाय की बड़ी जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है, जो कि विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए एक प्रमुख वोट बैंक भी है। इस तरह के फैसलों से सरकार और प्रशासन द्वारा इस समुदाय की भावनाओं और आस्थाओं के प्रति सम्मान और समर्थन का संदेश जाता है।
छठ पूजा के लिए घोषित इस अवकाश से पूर्वांचली समुदाय में उत्साह और प्रसन्नता है।
वे इसे अपने त्योहार की आधिकारिक मान्यता के रूप में देख रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि इससे उनकी सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा मिलेगा और उनके त्योहारों को सरकारी मान्यता मिलने से यह अन्य समुदायों के बीच भी सम्मानित होगा। इस तरह दिल्ली सरकार का यह निर्णय राजधानी के सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने को मजबूत करने और सभी समुदायों को साथ लेकर चलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।