रविवार को होने वाले 75 वें स्वतंत्रता दिवस झंडारोहण और कार्यक्रम के लिए किसानों के नेता ने यह बयान दिया कि 15 अगस्त को झंडारोहण के कार्यक्रम में वे शामिल होंगे और किसी भी तरह की आपत्तिजनक घटनाओं का कारण नहीं बनेंगे
उनका कहना है कि यह पूरे देश के लिए खुशी का अवसर है जिससे कि वह भी खुशी से मनाना चाहते हैं। इसीलिए किसी भी तरह के आंदोलन आदि को स्वतंत्रता दिवस के दिन नहीं किया जाएगा।
किसानों के नेता के द्वारा दिए गए बयानों के बावजूद भी दिल्ली पुलिस दिल्ली की सीमाओं पर तैनात है। खतरे की घंटी बजने से पहले ही इस बार दिल्ली पुलिस उसे रोकने के लिए अपनी जान कोशिश कर रही है।
शनिवार को पुलिस के खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, किसान नेताओं ने रविवार को भले ही दिल्ली में कार्यक्रम नहीं करने तथा धरनास्थलों पर ही शांतिपूर्ण तरीके से ध्वजारोहण कर आजादी के जश्न में शामिल होने की बात कही है, लेकिन पिछला अनुभव उसके उलट है। यही वजह है कि राजधानी की सीमाओं पर 26 जनवरी की तुलना में अधिक सतर्कता बरती जा रही है ताकि पिछली बार की तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को अंजाम देने का मौका किसी को न मिले।
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जानकारी मिली है कि दिल्ली पुलिस के जवानों के अलावा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त तैनाती के साथ ही अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से सुरक्षा निगरानी की व्यवस्था की गई है। एहतियातन ऐसी अभेद्य सुरक्षा की व्यवस्था की गई है कि स्वतंत्रता दिवस समारोहों के दौरान किसी स्तर पर भी अवरोध पड़ने की गुंजाइश नहीं है।
पुलिस अधिकारियों द्वारा बताया जा रहा है कि यह सही है कि गत दिनों ‘समानांतर किसान संसद’ के दौरान कई किसान नेताओं ने स्वतंत्रता दिवस पर जंतर-मंतर कार्यक्रम स्थल पर तिरंगा फहराने का ऐलान किया था, लेकिन संसद सत्र के निर्धारित अवधि से पूर्व समाप्त होने के बाद उन्होंने भी अपना ‘सत्र’ समाप्त कर दिया और पूरा इलाका खाली कर दिया। इसके बाद किसी संगठन की ओर से कोई कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं ली गई है।
दूसरी ओर किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र चौधरी का कहना है कि दिल्ली की सीमाओं पर महीनों से धरना दे रहे आंदोलनकारी किसानों का 15 अगस्त को दिल्ली की सीमा में प्रवेश करने का कोई इरादा नहीं है। वे धरनास्थलों पर ही तिरंगा झंडा लहराकर राष्ट्रीय त्योहार में शामिल होंगे। इसके बाद जगह-जगह रैलियां निकालकर अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने का सिलसिला जारी रहेगा।
उनका कहना है कि दिल्ली की सीमाओं से बाहर रैली, ट्रैक्टर रैली, मोटरसाइकिल रैली एवं अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से किसान अपनी आवाज बुलंद करेंगे। सभी कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होंगे। शरारती तत्वों को मौका नहीं मिले, इसके लिए अधिक से अधिक सतर्कता बरती जा रही है।
किसान के नेताओं द्वारा कहे गए बातों से तो लग रहा है कि इस बार स्वतंत्रता दिवस पर वह सारी शर्मनाक हरकतें नहीं होंगी। जोकि गणतंत्र दिवस पर की गई थी। लेकिन दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस किसी भी तरीके की शर्मनाक हरकत किसी भी तरीके के हमले के लिए पहले से ही तैयार खड़ी है। जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि इस बार स्वतंत्रता दिवस के दिन झंडारोहण शांतिपूर्वक संपन्न होगा।