तालिबान के काबुल आते ही अशरफ गनी ने तालिबान के सामने सरेंडर कर दिया और खुद नौ दो ग्यारह हो गए लेकिन, अब जब वह दुनिया के सामने आए हैं तो उन्हें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जमकर खरी-खोटी सुनाई है जानिए क्या कहा बेबाक ट्रंप ने
तालिबान के अफगानिस्तान में घुसते ही राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सरेंडर कर दिया। देश के लिए लड़ने की कसम खाने के बावजूद भी बिना लड़े सरेंडर कर पीछे के दरवाजे से सरकारी पैसा लेकर भाग गए।
अशरफ गनी राष्ट्रपति होने के बावजूद भी स्वार्थी निकले जिन्होंने सिर्फ अपनी जान की सूची और देशवासियों को मरने के लिए छोड़ दिया।
जानकारी के मुताबिक अशरफ गनी अभी यूएई में है। जिनको कई तरह की आलोचनाएं सुननी पड़ रही है। साथ ही धोखेबाज और धूर्त धोने का भी इल्जाम लगा है। इसके साथ-साथ अशरफ़ गनी पर कई आरोप लगाए गए हैं। सरकारी पैसा लेकर भागने देशवासियों को मुश्किल घड़ी में अकेला छोड़ने पर सभी देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री अशरफ गनी की आलोचना कर रहे हैं और उससे क्रोधित हैं।
अशरफ गनी की इस हरकत पर भड़के ट्रंप ने कहा, “मुझे अशरफ गनी पर कभी पूरी तरह भरोसा नहीं था। मै यही सोचता था कि वह धोखेबाज है। उसने अपना सारा समय हमारे सीनेटरों के साथ खाने में और उनका दिल जीतने में बिता दिया। सीनेटर उसकी जेब में थे। कहा जा रहा है कि वह पैसे लेकर भाग गया है, पता नहीं शायद यह सच भी हो सकता है।”
ट्रंप का कहना है कि, “मुझे नहीं लगता कि इतने सालों में हमारा देश इतना बेइज्जत हुआ है। मुझे नहीं पता, क्या आप इसे सैन्य हार कहेंगे या मनोवैज्ञानिक हार? जैसा कुछ अब हुआ है वैसा कभी नहीं हुआ।”
बीते बुधवार अशरफ गनी ने अपना बचाव करते हुए कहा कि पैसे ले जाने वाली बात गलत है। खून खराबा रोकने के लिए उस जगह को छोड़ दिया। मेरे पास यही एक रास्ता था जिससे होने वाले खून खराबे को रोका जा सकता था। मुझे तो जूता बदलने तक का भी समय नहीं मिला तो मैं पैसे लेकर कैसे भागता।
बीते रविवार तालिबान का अफगानिस्तान पर हुकूमत स्थापित होते ही सभी देश वासियों ने अफगान से अपने नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया।