कृषि कानूनों को लेकर अब पूरे देश में किसानों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। इसके लिए कई राज्यों के किसान अब एक साथ सड़कों पर उतर आए है। अब इसी को लेकर एक और नई चीज देखने को मिल रही है। दरअसल पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में गुरुवार को पद्म विभूषण पुरस्कार वापस कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने अपने जीवन में किसानों के योगदान का जिक्र करते हुए भारत सरकार पर उनके साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। इनके अलावा सिरोमणी अकाली दल चीफ और राज्य सभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी पद्म विभूषण सम्मान लौटा दिया है। साथ ही अकाली दल के कोटे से मोदी सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया था।
वहीं किसानों के दर्द को समझते हुए शिरोमणि अकाली दल के नेता बादल ने कहा, ”मैं जो हूं, वो जनता के कारण हूं, खासतौर पर किसान की वजह से। और आज जब उसने अपने सम्मान से ज्यादा खोया है तो ऐसे में मुझे पद्म विभूषण पुरस्कार रखने का कोई औचित्य नहीं समझ आता।”
वहीं शिरोमणी अकाली दल से अलग हो चुके वरिष्ठ नेता सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी अपना पद्म विभूषण सम्मान वापस दे दिया । मीडिया से बात करते हुए ढींढसा ने कहा कि ”किसान पिछले दो महीनों से धरना दे रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है, इसलिए विरोध में मैंने अपना पद्म विभूषण लौटा दिया है। दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हमारे बुजुर्ग लोगों को बीजेपी नजरअंदाज कर रही है, अवॉर्ड मेरे लिए मायने नहीं रखता।”
इसके साथ ही उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि , ”मेरे बेटे परमिंदर सिंह ढींढसा ने भी किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लिया। यदि सरकार ऐसे काले कानूनों को वापस नहीं लेती है तो मैं आंदोलन तेज करूंगा।