सेन्ट्रल डेस्क , ज्योति: पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस का मंगलवार सुबह निधन हो गया। वह 88 साल के थे। वाजपेयी सरकार में रक्षा मंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडिस का मंगलवार को निधन हो गया। फर्नांडिस लंबे समय से बीमार चल रहे थे, वह अलजाइमर से ग्रस्त थे। स्वास्थ्यगत कारणों से वह कई सालों से सार्वजनिक जीवन से बाहर थे।
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उन्होंने दिल्ली के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली। फर्नांडीज का बेटा विदेश में रहता है, उनके वापस आने के बाद उनका संस्कार किया जाएगा। फर्नांडीस का जन्म 3 जून 1930 को मैंगलोर में हुआ था। वे अटल सरकार में अक्टूबर 2001 से मई 2004 तक रक्षामंत्री रहे। आखिरी बार वह अगस्त 2009 से जुलाई 2010 तक राज्यसभा के सांसद रहे थे। फर्नांडीज सबसे पहले साल 1967 में लोकसभा सांसद चुने गए थे। रक्षामंत्री के अलावा उन्होंने कम्यूनिकेश, इंडस्ट्री और रेलवे मंत्रालयों की भी कमान संभाली है।
George Sahab represented the best of India’s political leadership.
Frank and fearless, forthright and farsighted, he made a valuable contribution to our country. He was among the most effective voices for the rights of the poor and marginalised.
Saddened by his passing away.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 29, 2019
जॉर्ज फर्नांडिस 10 भाषाओं के जानकार थे। वह हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, मराठी, कन्नड़, उर्दू, मलयाली, तुलु, कोंकणी और लैटिन भाषा जानते थे। उनकी मां किंग जॉर्ज फिफ्थ की बड़ी प्रशंसक थीं। उन्हीं के नाम पर अपने छह बच्चों में से सबसे बड़े का नाम उन्होंने जॉर्ज रखा था।
वह मंगलौर के मूल निवासी थे और 1946 में पादरी बनने की ट्रेनिंग के लिए वह बेंगलौर आ गए। साल 1949 में वह बॉम्बे आ गए और यहां वह सोशलिस्ट ट्रेड यूनियन मूवमेंट से जुड़ गए। ट्रेड यूनियन लीडर बनने के बाद उन्होंने 1950 और 1960 के दशक में भारतीय रेलवे के साथ काम करने के दौरान बॉम्बे में कई प्रदर्शन और हड़ताल कीं।