सेंट्रल डेस्क आयुषी गर्ग:- 10,000 से ज्यादा स्टूडेंट्स के विरोध के आगे सरकार को झुकना पड़ा और गढ़वाल विश्वविद्यालय को बढ़ी हुई फ़ीस पर अपना आदेश वापस लेना पड़ा है. विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेज अब 10,000 से ज्यादा स्टूडेंट्स को बढ़ी हुई फ़ीस के 1200 रुपये वापस करेंगे. हालांकि, आयुर्वेद कॉलेज के छात्रों को राहत मिलेगी या नहीं, यह साफ नहीं है.
निजी कॉलेजों पर चुप्पी
गढ़वाल विश्वविद्यालय से जुड़ा मामला सरकारी था तो सुलझ गया, लेकिन 80 करोड़ रुपये वसूलने वाले प्राइवेट आर्युवेद कॉलेज चुप हैं, जिन्होंने 80,000 से बढ़ाकर सालाना फ़ीस 2.15 लाख रुपये कर दी. प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धन सिंह रावत कहते हैं कि मामले का हल बातचीत से निकलेगा. आयुर्वेद कॉलेज के स्टूडेंट्स के धरने को कांग्रेस खुलकर समर्थन दे रही है और सरकार के बयान पर ही सवाल खड़े कर रही है. कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल कहते हैं कि अगर बात स्टूडेंट्स को ही करनी है तो सरकार क्या करेगी?
आयुर्वेद छात्रों को धमकी
आयुर्वेद स्टूडेंट्स के धरने को 50 दिन हो चुके हैं, लेकिन मोटी फ़ीस वसूलने वाले कॉलेज मालिकों ने इनकी कोई सुध नहीं ली है. इस पर गौर करने के बजाय एक निजी कॉलेज के मालिक का वीडिया जरूरी वायरल हुआ है, जिसमें आंदोलन कर रहे छात्रों को धमकी दी गई है. हालांकि, ये छात्र हार मानने को तैयार नहीं हैं और उन्हें उम्मीद है कि एक दिन सरकार कॉलेज मालिकों पर कार्रवाई ज़रूर करेगी और इन्हें बढ़ी हुई फ़ीस वापस मिलेगी.
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