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B’day Spl: सिर्फ गायकी ही नहीं, चुटकुलों के लिए भी मशहूर थे जगजीत सिंह

सेन्ट्रल डेस्क, अरफा जावेद-  मखमली आवाज़ के शहनशाह जगजीत सिंह आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी जादुई आवाज़ आने वाले पीढ़ियों को अपना बनाने का माद्दा रखती है। उनके गाए हुए गीत, गज़ल और भजन उनके चाहने वाले आज दिन-रात सुनते हैं। कुछ ही लोग जानते हैं कि जगजीत सिंह चुटकुले भी सुनाते थे। बता दें कि अपने लाइव कार्यक्रम के दौरान जगजीत सिंह लोगों को चुटकुले सुनाकर उनका दिल जीत लेते थे। जगजीत सिंह के चुटकुलों के कुछ अंश इस प्रकार हैं:

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  • पेड़ पर एक तोता मैना बेठे प्यार कर रहे थे, तो तोता मैना को जब बीवी ने देखा तो वह बोली देखो जब हम पांच साल पहले आए थे, तब भी यह तोता मैना यहीं बैठे थे। आज तक कितना प्यार है इनमें और हमारा हाल देखो क्या हो गया है। पति बोला ज़रा ध्यान से देखो, तोता वही है मैना दूसरी है।
  • एक बीवी गई मायके, पति घर पर अकेला था। उसने दीवार पर बीवी की फोटो लगाई और उस पर चाकू फेंक रहा है। लेकिन चाकू निशाने पर नहीं लग रहा, मिस हो रहा है। कभी इधर कभी उधर। इतने में बीवी का फोन आया। बोली, डार्लिंग क्या कर रहे हो। पति बोला, कुछ नहीं डार्लिंग तुम्हें मिस कर रहा हूं।
  • पति पत्नी ड्रॉइंग रूम में बैठे थे। इतने में टेलीफोन की घंटी बजी। पति बोला मेरा हो तो बोलना मैं घर पर नहीं हूं। पत्नी ने फोन उठाकर धीरे से कहा, हैलो, वो घर पर हैं और फोन रख दिया। पति कहता है कि तुम्हें कहा था  ना, मेरा हो तो कहना मैं घर पर नहीं हूं। पत्नी बोली आपका फोन नहीं था, मेरा फोन था।

  • जगजीत सिंह की लाइव परफॉर्मेंसेज में उनसे कैफ़ भोपाली की ग़ज़ल, ‘तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है’ की बहुत फरमाइशें होती थीं। इस गज़ल को वह सुनाते भी बड़े मजे लेकर थे। जैसे ही मिसरा आता था, आग का क्या है पल दो पल में लगती है। जगजीत सिंह साजिंदों को रफ्तार कम करने का इशारा करते और बोलते, ये इश्क़ की आग है। प्रेम की अग्नि। love at first sight, उसके बाद sight ढूंढते रहो। फिर अगली लाइन सुनाते, बुझते बुझते एक ज़माना लगता है। फिर रुकते और बोलते, सबसे पहले तो चश्मा लगता है, फिर दांत लगते हैं, फिर बाल भी लगते हैं, और कभी तो घुटने भी लगते हैं।
  • निकलना ख़ुल्द से आदम का सुनते आए हैं लेकिन , बहुत बे-आबरू हो कर तिरे कूचे से हम निकले। ये शेर पढ़ते-पढ़ते जगजीत सिंह पहले तो बताते कि ये मिर्ज़ा ग़ालिब की ग़ज़ल का मिसरा है। फिर बताते हैं कि इस मिसरे में पूरे आदम जात की कहानी है। ख़ुल्द कहते हैं जन्नत को और आदम यानी एडम। उनको यानी एडम और ईव को जन्नत से निकाल दिया था क्योंकि उन्होंने एपल खाया था और, डॉक्टर यहां कहता है कि रोज एक एपल खाया करो।

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