शुक्रवार को लोकसभा में दिल्ली सेवाओं से जुड़ा विधेयक ध्वनिमत से से पास हो गया। जहां विधेयक के समर्थन में राजग के साथ-साथ बीजद, वाइएसआर कांग्रेस और टीडीपी थे, वहीं विरोध में आइएनडीआइए था। इसके अलावा सदन में गरमा-गर्मी का महोल था। विधेयक के विरोध में आसन के सामने कागज फाड़कर फेंकने के बाद आम आदमी पार्टी के लोकसभा में एकलौते सांसद सुशील कुमार रिंकू को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया।
गृहमंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए विपक्षी दल विधेयक का विरोध कर रहे हैं। अमित शाह ने कहा विपक्ष को न तो लोकतंत्र की, न देश की और न जनता की चिंता है, उसे सिर्फ गठबंधन बचाने की चिंता है और सिर्फ इसके लिए सदन की कार्यवाही में भाग ले रहे हैं। जैसे ही गठबंधन टूटने का बिल आया मणिपुर को भूल गए। शाह ने कहा कि देश कांग्रेस और विपक्ष के इस दोहरे चरित्र को देख रहा है।
उन्होंने कहा कि सदन में अभी तक नौ विधेयक बिना चर्चा के पास हो चुके हैं। ये सभी विधेयक जनता के लिए अहम हैं, लेकिन कांग्रेस व विपक्ष ने इस पर चर्चा की जरूरत नहीं समझी और केजरीवाल के भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए विधेयक के हो रहे विरोध के पक्ष में खड़े हो गए। शाह ने कहा कि विपक्ष गठबंधन की चाहे कितनी भी कोशिश कर ले अगले साल लोकसभा चुनाव में भारी जीत के साथ तीसरी बार नरेन्द्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे।
विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए अमित शाह ने कहा कि दिल्ली राज्य ही नहीं है। यह केंद्र शासित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र है। उन्होंने विपक्षी सांसदों को राज्य, केंद्र शासित प्रदेश और केंद्र शासित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अंतर समझने की सलाह दी।शाह ने कहा कि कांग्रेस की केंद्र सरकार के समय दिल्ली को विधानसभा के साथ केंद्रशासित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र बनाते समय अनुच्छेद 239 एए के तहत सेवाओं का अधिकार केंद्र को दिया गया था। इसके बाद कांग्रेस और भाजपा की ही राज्य व केंद्र में सरकारें रहीं, लेकिन 2015 तक कोई विवाद नहीं आया।