यशस्वी गुप्ता की रिपोर्ट
मकर संक्राति एक खास त्यौहार है। हर जगह इसे अलग – अलग अंदाज में मनाया जाता है। गुजरात में इसे पंतग उड़ाकर मनाते हैं तो य़ूपी में खिचड़ी बनाकर मनाया जाता है। इसे खिचड़ी का त्यौहार भी कहा जाता है। हर घर में इस दिन खिचड़ी बनाई जाती है। और गरीबों को अपनी श्रद्धा के अनुसार दान दिया जाता है। हर किसी की कोशिश होती है कि आज के दिन कोई भुखा ना सोए। भारत के साथ –साथ यह त्यौहार मनाया जाता हैं। अब तो विदेशों में भी बनाया जाता है।
हर कोई इसे अपने अंदाज से मनाता है इस दिन तिल को खास महत्व दिया जाता है। और पतंग उडाने पर भी खासा जोर दिया जाता है। लोगों का मानना है कि मकर संक्रांति पर पतंग उडाने की शुरुआत भगवान श्री राम के समय से हुई थी। साथ ही लोग यह भी मानते हैं कि पहले भगवान राम ने जो पतंग उड़ाई थी वह इंद्रलोक में गई थी। , लोग मानते है कि पतंग अपने माझें की वजह से लोगों को जोड़ती है और एकजुटता का संदेश देती है। इस त्यौहार गंगा जमुना की डुबकी लगाकर, भण्डारा करते हैैं । नाच- गाना करते हैं और सभी एक साथ इकठ्टा होकर खिचड़ी, कम्बल, शॉल, तिल, गुण, और गर्म कपड़े दान करते है़ ।
मकर संक्रांति के अप्रवासिय भारतीय भी बड़ी धुम-धाम से मनाते हैं। विदेश में सारे लोग मिलकर वहा़ं दान-पुण्य का काम करते हैं । इसके एक दिन पहले पंजाबी लोग लोहड़ी का त्यौहार मनाते हैं । इस दिन वह जगह- जगह लंगर लगाकर गरीब और भूखे लोगों को खाला खिलाते है़। ।