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ऐतिहासिक फिल्म ‘मामांगम’ के लिए ममूटी ने तोड़े अपने नियम, ट्रेलर लॉन्च में खोले कई राज

सेंट्रल डेस्क प्राची जैन:   अपने करियर का सबसे बड़ा सपना लेकर मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार ममूटी अगले हफ्ते देश के कोने-कोने में पहुंचने वाले हैं। अपने करियर की सबसे बड़ी फिल्म मामांगम का हिंदी ट्रेलर लॉन्च करने मुंबई पहुंचे मूमूटी ने खुलासा किया कि उनके करियर की यह पहली फिल्म है जिसमें उन्होंने रात 11 बजे के बाद शूटिंग न करने के अपने फैसले को भी बदल दिया। ऐसा करने की वजह भी उन्होंने विस्तार से बताई।

मलयालम सिनेमा की इस सबसे महंगी फिल्म ‘मामांगम’ का हिंदी ट्रेलर मुंबई में धूमधाम से लॉन्च किया गया। ममूटी इस फिल्म को पूरे देश में बड़े स्तर पर रिलीज करना चाहते हैं इसीलिए इस फिल्म को हिंदी समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में भी डब किया गया है। पंजाबी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री रहीं प्राची तहलन इस फिल्म की हीरोइन हैं और हिंदी पट्टी में फिल्म का दोरामदार उनके कंधों पर ही है।

इस मौके पर ममूटी ने कहा, “यह फिल्म मेरे लिए बहुत ही खास है। मैं चाहता था कि यह फिल्म देश भर के दर्शकों द्वारा देखी जाए। इस वजह से यह फिल्म मलयालम, तमिल, तेलुगू के साथ ही हिंदी भाषा में भी रिलीज की जा रही है। मामांगम उन बहादुर योद्धाओं की कहानी है जिसे आज तक सिल्वर स्क्रीन पर नहीं दिखाया गया है। फिल्म से जुड़े कई दिलचस्प पक्ष तो ट्रेलर में देखने को मिलते हैं हालांकि उसके अलावा कुछ खास पक्ष भी है जिसे मैं अभी सभी को नहीं बता सकता। यह आपको फिल्म देखकर ही पता चलेगा।”


ये पूछे जाने पर कि फिल्म की कहानी वास्तविक घटनाओं पर आधारित है या फिर काल्पनिक? ममूटी कहते हैं, “फिल्म में इतिहास के उस दौर को फिल्माया गया है जो देश में अंग्रेजों के आने से पहले घटित हुआ। यह फिल्म अपने आप में ही बेहद खास है जो पहली बार दर्शक देखेंगे। केरल के इतिहास को दर्शाती इस फिल्म को पूरा देश देखेगा। इसके बारे में बताने के लिए तो बहुत कुछ है रिलीज से पहले काफी कुछ छुपा रहना जरूरी है।”

फिल्म मामांगम को लेकर ममूटी का उत्साह देखते ही बनता है। वह बताते हैं, ‘इस फिल्म की शूटिंग का सेट करीब 12 एकड़ की जगह पर बना। उस समय को पर्दे पर कुछ हद तक तो वीएफएक्स के सहारे भी दिखाया जा सकता था लेकिन फिल्म में असलियत रखने के लिए इतनी मेहनत की गई है। इस फिल्म को पूरा करने में मुझे दो साल का वक्त लगा।

शूटिंग के दौरान पूरा सेट एक तरह से कलारीपयट्टू के स्कूल में तब्दील हो गया। फिल्म में दिखाए गई इतिहास की घटना रात में घटी थी इसीलिए फिल्म का बड़ा हिस्सा रात में शूट किया गया है। मैं रात 11 बजे के बाद फिल्म की शूटिंग करने से बचता हूं लेकिन इस फिल्म के लिए मैंने वह भी किया।”

https://www.youtube.com/watch?v=J2SbuCmRcK0&t=9s

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