संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 74वें सत्र ने पीएम मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संबोधित किया. लेकिन दोनों नेताओं के बीच भाषण के समय की लिमिट को लेकर बड़ा अंतर दिखाई दिया.
यूएन महासभा में सभी नेताओं के लिए 15-20 मिनट भाषण देने की समयसीमा तय की गई थी. पीएम मोदी ने लिमिट में रहकर सत्र को करीब 17 मिनट तक संबोधित किया. वहीं इमरान खान ने 30 मिनट से ज्यादा भाषण दिया. इमरान ने अपने संबोधन के दौरान कश्मीर पर खूब राग अलापा.
यूएन में पीएम मोदी का ये दूसरा भाषण था. इससे पहले उन्होंने 2014 में भाषण दिया था. तब उन्होंने लगभग 35 मिनट तक अपनी बात रखी थी. लेकिन मोदी ने अपने संबोधन में पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बातचीत की जरूरत पर बल दिया था. लेकिन एक शर्त पर- आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते.
हालांकि, इस साल मोदी ने अपने भाषण में एक बार भी पाकिस्तान का नाम नहीं लिया. लेकिन, पड़ोसी देश के संदर्भ में पीएम ने कहा कि आतंकवाद किसी एक देश के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया, पूरी मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है.
पीएम मोदी ने कहा, हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं, बुद्ध दिए हैं, शांति का संदेश दिया है. आतंक के नाम पर बंटी हुई दुनिया, उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है, जिनके आधार पर यूएन का जन्म हुआ है.
PM नरेंद्र मोदी ने बताया “UN पीसकीपिंग मिशन्स में सबसे बड़ा बलिदान अगर किसी देश ने दिया है, तो वो भारत है. और इसलिए हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी.”
WRITTEN BY : HEETA RAINA
https://www.youtube.com/watch?v=WBNK45RyoxA&t=37s