प्रो. एसपी सिंह बघेल मूल रूप से औरैया जिले के भटपुरा के निवासी हैं बघेल ने कानून में स्नातक, विज्ञान में परास्नातक डिग्री के साथ डॉक्टरेट भी किया है. जानकारी के मुताबिक प्रोफेसर बघेल ने अपना करियर उत्तर प्रदेश पुलिस में बतौर सब इंस्पेक्टर से शुरू किया था. बघेल 1989 में समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी सुरक्षा में लगाए गए बघेल उनके पीएसओ रहे इसके बाद उनसे प्रभावित होकर मुलायम सिंह यादव ने उन्हें 1998 में जलेसर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर उतारा था.
खबरों के मुताबिक उन्होंने अपने पहले ही चुनाव में जीत हासिल की जिसके बाद वे 1999 और 2004 में दोबारा सांसद चुने गए जिसके बाद उन्होंने किसी कारणवश समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देकर 2010 में बसपा ज्वाइन कर ली जहां बसपा ने उन्हें राज्यसभा में भेजा और पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव भी बना दिया. सन 2014 में उन्होंने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव के खिलाफ फिरोजाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा
इसके अलावा एसपी सिंह बघेल ने 2014 में हार का सामना करने के बाद ना सिर्फ बसपा छोड़ी बल्कि राज्यसभा से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया जिसके बाद बीजेपी ने प्रो बघेल को 2015 में पिछड़ा वर्ग मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया. 2017 में वे टूंडला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के बाद उन्होंने जीत हासिल की बता दे कि वे योगी की कैबिनेट में मंत्री भी रहे. 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने रामशंकर कठेरिया की जगह प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल को टिकट दिया और यहां से प्रो बघेल ने शानदार जीत हासिल की जिसके बाद उन्हें मोदी की केंद्रीय कैबिनेट में राज्य मंत्री बनाया गया
अब भारतीय जनता पार्टी ने जनपद मैनपुरी की विधानसभा करहल 110 से प्रत्याशी के रूप में केंद्रीय राज्यमंत्री प्रो एस पी सिंह बघेल पर भरोसा जताया है. उन्होंने सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचकर अखिलेश के सामने चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. बता दे कि विधानसभा 110 करहल का मुकाबला बेहद ही दिलचस्प होगा क्योंकि इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय राज्य मंत्री दोनों आमने-सामने होंगे.