अब हो चुका है भारतीय नौसेना का पहला ड्राई डॉक मुंबई में बनकर तैयार हो गया है। यहां विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य जैसे भारी-भरकम युद्धपोत की भी मरम्मत की जा सकेगी। यह पोत 285 मीटर लंबा, 60 मीटर चौड़ा और 45 हजार टन वजनी है।
बता दे की अभी तक भारत के पास ऐसी कोई तकनीक नहीं थी जिसकी सहायता से वह विक्रमादित्य जेसे भारी भरकम पोत को पानी से बाहर निकाल कर उसकी मरम्मत कर सके पर अब भारत के पास ऐसी तकनीक आ गई है और इसका उद्धघाटन कल यानी शनिवार को भारतीय रक्षा मंत्री रामनाथ सिंह करेंगे। इसके अलावा वह नौसेना में स्कॉर्पियन क्लास की दूसरी सबमरीन आईएनएस खंडेरी को भी कमीशन करेंगे।
इस ड्राई डॉक को बनाने में 1000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं जबकि इसमें एफिल टॉवर जितने वजन का स्टील लगा है। यह नौसेना का अब तक का सबसे बड़ा डॉकयार्ड है।
ड्राई डॉक से होंगे यह फायदे
ड्राइ डॉक के बनने से युद्धपोतों के पानी में डूबे रहने वाले हिस्सों की मरम्मत आसानी से हो सकेगी। जहाज को डॉक पर लाने के बाद उसके नीचे ब्लॉक लगाकर पानी को निकाल दिया जाएगा। जिससे पानी में हमेशा डूबे रहने वाले हिस्से को सुधारा जा सकेगा।
Written by: prachi jain
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